यह ख़बर 07 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

तेलंगाना मुद्दे पर हंगामे के कारण लगातार तीसरे दिन नहीं चली संसद

नई दिल्ली:

तेलंगाना सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की बैठक बाधित रही और कार्यवाही समय से पूर्व दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोनों ही सदनों में शुक्रवार को भी प्रश्नकाल नहीं हो पाया।

लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद और राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। दोनों सदनों में सुबह कार्यवाही शुरू होते ही सीमांध्र क्षेत्र के कांग्रेस, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य एकीकृत आंध्र प्रदेश की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिस पर लिखा था, 'आंध्रप्रदेश को एकजुट रखें'।

इसके साथ ही अकाली दल के सदस्यों ने अपने स्थान से 1984 के सिख विरोधी दंगों का मुद्दा उठाया। उनके हाथों में तख्तियों थीं, जिन पर मामले में तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की गई थी। सपा सदस्य भी आसन के समीप आकर कुछ कह रहे थे, लेकिन हंगामे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। लोकसभा में अध्यक्ष मीरा कुमार ने हंगामा नहीं थमने पर कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

उधर, राज्यसभा में बैठक शुरू होने पर तेलंगाना और सीमांध्र के संसद सदस्यों की नारेबाजी के बीच सभापति हामिद अंसारी ने कहा कई दिन हो गए, हम ऐसी स्थिति में खुद को पा रहे हैं... कि सदस्य आसन के समक्ष आ जाते हैं और हम सदन की गरिमा का उल्लंघन होते देखने के लिए बाध्य हो जाते हैं। इस दौरान अन्य दलों के सदस्य भी अलग-अलग मुद्दे उठाते देखे गए। हंगामा नहीं थमने पर सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।


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