लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सत्ताधारी दल भाजपा को स्मरण कराया कि भले ही पांडवों की संख्या कम रही हो, लेकिन 100 कौरव उन्हें हरा नहीं पाए थे।
लोकसभा के इतिहास में अब तक की सबसे कम संख्या 44 पर सिमटी कांग्रेस और अपने दम पर सबसे अधिक सीटें हासिल कर स्पष्ट बहुमत पाने वाली भाजपा के बीच संभवत: तुलना करते हुए खड़गे ने महाभारत के 'कौरव-पांडवों' का जिक्र किया।
वह शायद कहना चाह रहे थे कि भले ही कांग्रेस सांसदों की संख्या कम हो और भाजपा सांसदों की संख्या काफी अधिक, लेकिन कौरव की कितनी भी संख्या हो, पर पांडव नहीं हारे। दरअसल भाजपा ने कहा था कि यह बात सोच से परे है कि एक राष्ट्रीय पार्टी का लोकसभा में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में स्वागत करना पड़ रहा है। इसी के जवाब में खड़गे कौरव-पांडव का किस्सा ले आए।
खड़गे ने कहा, आप सोचते हैं कि हम 44 लोग हैं और आप 300 इसलिए दबा दो। पांडवों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन सौ कौरव उन्हें हरा नहीं पाए। खड़गे के इतना कहते ही कांग्रेस सदस्यों ने मेजें थपथपाकर उनकी टिप्पणी का स्वागत किया।