राज्य चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश में जनवरी-फरवरी 2022 में तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव रद्द कर दिए हैं. दो दिन पहले मप्र सरकार ने राज्य में पंचायत चुनाव कराने के लिए पारित अध्यादेश को वापस ले लिया. राज्य चुनाव आयोग कानूनी राय लेने के बाद पूरी पंचायत चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने के निर्णय पर पहुंचा. राज्य चुनाव आयोग के सचिव बीएस जमोद ने बताया कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया को रद्द करने का निर्णय लिया गया है. जिन उम्मीदवारों ने पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है, उनके द्वारा जमा की गई सुरक्षा राशि संबंधित उम्मीदवारों को वापस कर दी जाएगी.
बता दें कि 4 दिसंबर को राज्य चुनाव आयोग ने मप्र में 52 जिलों में जिला पंचायतों के 859 पदों, 313 जनपद पंचायतों के तहत 6,727 पदों, 22,581 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और गांव के 3,62,754 पंयाचत सदस्य पदों के लिए तीन चरणों (जनवरी और फरवरी) में चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की थी. लेकिन ओबीई आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने वोटों के सारणीकरण और पंचायत चुनावों के परिणामों की घोषणा को स्थगित करने का फैसला किया था. 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर मतदान प्रक्रिया पर रोक लगा दी और इन सीटों को सामान्य श्रेणी की सीटों के रूप में फिर से अधिसूचित किया.
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राज्य की 50% से अधिक आबादी के साथ ओबीसी आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया के रुकने से राज्य में एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने एक दूसरे को इसके लिए दोषी ठहराया था. जिसके मद्देनजर 23 दिसंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा ने बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं कराने का प्रस्ताव पारित किया था.
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