
शिव सेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मीडिया पर दोहरे मानक अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि अगर महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की हत्या भीड़ ने कर दी तो वह अधर्म हो गया लेकिन दूसरे राज्यों में साधुओं की हत्या सामान्य घटना हो गई. शिव सेना नेता ने अप्रैल में पालघर में दो साधुओं की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले का उदाहरण देते हुए सामना में 'निपटाने का नया खेल' शीर्षक से एक संपादकीय लिखा है.
राउत ने लिखा है, "पालघर में दो साधुओं की हत्या भीड़ ने कर दी, इस पर देशभर में तूफान खड़ा किया गया परंतु बीते चार दिनों में उत्तर प्रदेश में चार साधुओं और राजस्थान में एक साधु की गोली मारकर हत्या कर दी गई. राजस्थान में तो पुजारी को जिंदा जला दिया गया. मानों कुछ हुआ ही नहीं है, ऐसी स्थिति में मीडिया है. पालघर में साधुओं पर हमला हुआ तब वह अधर्म, परंतु अन्य कहीं यह होता है, तब हमेशा की घटना, कैसे संभव है?"
हाथरस की घटना पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के उत्पीड़न से अलग नहीं : संजय राउत
शिव सेना सांसद ने इस बहाने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर भी निशाना साधा है. वो इस महीने यूपी और राजस्थान में साधुओं पर हुए हमलों का जिक्र कर रहे थे. राजस्थान में, भूमि विवाद में पहले एक समूह ने पुजारी पर हमला किया और बाद में उसे जिंदा जला दिया. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि एफआईआर में तीन अन्य को भी नामजद किया गया है.
उधर, यूपी के गोंडा जिले में एक साधु पर कथित हमले के मामले में पुलिस ने नया खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक साधु ने खुद ही अपने ऊपर हमले की साजिश रची थी और इसके लिए एक पेशेवर शूटर को किराए पर लिया था. पुलिस के मुताबिक एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में साधु ने ऐसा किया था.
बाबरी विध्वंस नहीं होता, तो राम मंदिर का भूमिपूजन देखने को नहीं मिलता : संजय राउत
बता दें कि संजय राउत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के गवर्नरों पर भी तंज कसा था. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि देश में इस वक्त दो ही प्रदेशों महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में राज्यपाल हैं. बाकी जगह राज्यपाल हैं या नहीं उन्हें नहीं पता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं