भारतीय जलसीमा में प्रवेश करने वाली पाकिस्तानी बोट, जिसने भारतीय तटरक्षक दल के पीछा करने के बाद खुद को उड़ा लिया था, पर एक बार फिर रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि वह बोट पाकिस्तानी सेना के संपर्क में थी।
सोमवार को रक्षामंत्री ने दो बार इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और जोर देकर कहा कि वह संदिग्ध आतंकी ही थे और तस्कर नहीं। उन्होंने कहा कि मैं यह आश्वासन के साथ कह सकता हूं कि बोट पर तस्कर नहीं, आतंकी ही थे। बोट में मौजूद लोगों ने खुद को उड़ा लिया और यह वही कर सकता है जिसे इस काम के लिए मानसिक रूप से तैयार किया गया हो।
उन्होंने कहा कि सरकार इस संबंध में कुछ सबूत सार्वजनिक करेगी, जैसे ही सुरक्षा एजेंसिया अपना काम पूरा कर लेती हैं।
रक्षामंत्री का यह बयान उस समय आया है जब देश की एक प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने यह कहा कि नाव में संदिग्ध आतंकी नहीं, मामूली तस्कर थे।
मंत्री ने कहा कि अगर वह तस्कर थे, तब वह सरेंडर कर सकते थे। उन्हें बोट को उड़ाने की जरूरत क्या थी।
पर्रिकर ने कहा कि इस बोट पर 12-14 घंटों तक नजर रखी गई थी और जिस जगह पर बोट को पाया गया, वह आम जगह नहीं थी। न ही मछली पकड़ने वालों की नजर से न ही तस्करों की नजर से...।
पर्रिकर ने यह भी कहा कि वहां दूसरी बोट भी थी, जो पाकिस्तानी जल सीमा में थी।
उल्लेखनीय है कि भारतीय तटरक्षक दल ने 31 दिसंबर को कहा था कि एक पाकिस्तानी बोट ने खुद को उड़ा लिया जब गुजरात के पोरबंदर से 365 किलोमीटर दूर भारतीय जल सीमा में उसे रुकने के लिए कहा गया।
रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों को फोन इंटरसेप्ट के जरिये कुछ 'कीमती' सामान भारत में पहुंचाने की बात सुनाई दी थी। दूसरी बात यह पता चली थी कि जिन्हें यह सामान पहुंचाया जाना था, उन्हें उस काम के लिए पैसे दे दिए गए हैं और वे लोग काम करने को तैयार हैं।
जानकारी यह भी दी गई है कि तटरक्षक दल के सदस्यों को इस बोट पर सवार लोगों पर तब शक हुआ जब उनके कपड़े आम मछुआरों की तरह नहीं दिखे। बोट पर कोई जाल भी नहीं दिखा। बल का यह भी कहना है कि इस मामले में पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय जल के कानूनों का पालन किया गया।
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