भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अनुच्छेद 370 और 35A के निरस्त होने के बाद देश के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा बनाए गए वरिष्ठ भारतीय सैन्य नेतृत्व के नकली ट्विटर हैंडलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है. सेना के सूत्रों ने कहा, "सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत सहित वरिष्ठ अधिकारियों के 200 से अधिक ट्विटर हैंडल पाकिस्तानी जासूसी एजेंसियों और उनके गुर्गों द्वारा बनाए गए थे. हमने उनके खिलाफ शिकायत की है और अब बड़ी संख्या में उन्हें निलंबित कर दिया गया है."
उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के तुरंत बाद एकाउंट बनाकर उन्हें सक्रिय किया गया था. इन हैंडलों के जरिए कश्मीर घाटी की स्थिति के बारे में पाकिस्तान के बयान के अनुरूप जानकारी ट्वीट की जा रही थी.
जिन अधिकारियों के नाम के हैंडल बनाए गए थे, उनमें उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह, पूर्व वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू और पूर्व केंद्रीय सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस नेगी के अलावा कई अन्य भारतीय अधिकारियों के नाम शामिल हैं. इन अफसरों के फोटो सोशल मीडिया और अन्य स्थानों पर उपलब्ध हैं. मालेगांव विस्फोट के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित के नाम का इस्तेमाल करके भी फर्जी खाता बनाया गया था.
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सूत्रों ने कहा कि "कुछ खाते इतनी गलत सूचना फैला रहे थे कि ट्विटर ने उन्हें 15-20 मिनट के नोटिस पर निलंबित कर दिया और 50 से अधिक ऐसी आईडी पहले ही निलंबित की जा चुकी हैं."
उन्होंने कहा कि ट्विटर खातों के इस्तेमाल के स्थान का अभी तक पता नहीं चला है क्योंकि उनमें लोकेशन ऑफ करके रखा गया था. इस बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए और अधिक जांच की जाएगी.
एक कर्नल विजय आचार्य के नाम से फर्जी अकाउंट बनाया गया और उससे ट्वीट किया गया कि वह सेना छोड़ रहा है क्योंकि उसकी यूनिट के 65 से अधिक सैनिकों को पाकिस्तान ने मार दिया. इस ट्वीट का इस्तेमाल पाकिस्तानी टीवी चैनलों ने भी कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ प्रचार के लिए किया था.
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