आर.के. पचौरी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आर.के. पचौरी को शुक्रवार को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद उन्हें लगभग टेरी से अलग ही कर दिया गया, जबकि इस दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे पचौरी को पिछले सप्ताह पदोन्नति दिए जाने से उत्पन्न असंतोष के बीच टेरी के अध्यक्ष बी.वी. श्रीकांतन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इसी से संबंधित घटनाक्रम में प्रतिस्पर्धा आयोग के पूर्व प्रमुख अशोक चावला को संगठन का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। उन्होंने संकेत दिया कि भविष्य में यौन उत्पीड़न की किसी भी शिकायत के लिए बाहरी जांच अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।
टेरी के पूर्व महानिदेशक पचौरी अभी भी महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं। कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को संगठन के परिषद् की बैठक के दौरान पचौरी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
टेरी विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा गुरुवार को पचौरी के हाथों डिग्री लेने से मना करने के बाद वह टेरी विश्वविद्यालय से अवकाश पर चले गए थे। शुक्रवार को उन्होंने संगठन के अन्य दो हिस्सों, टेरी और उसकी प्रशासन परिषद् से भी अवकाश लिया है।
टेरी ने अपनी प्रशासनिक परिषद् की बैठक के बाद एक बयान में कहा, 'आर.के. पचौरी, जो 1982 से संस्थान के प्रमुख रहे हैं, वह टेरी, टेरी प्रशासनिक परिषद् और टेरी विश्वविद्यालय से अवकाश पर रहेंगे, जब तक प्रशासनिक परिषद् द्वारा इसकी समीक्षा नहीं की जाती। मामले के कोर्ट में लंबित होने को देखते हुए ऐसा किया गया है।' परिषद् की बैठक में संगठन की भूमिका, जिम्मेदारियों और नेतृत्व पर चर्चा की गई।
टेरी ने कहा कि वह केन्द्रीय वित्त सचिव रह चुके 65 वर्षीय चावला के नेतृत्व को लेकर उत्साहित है। साथ ही संगठन ने परिषद् ने नए महानिदेशक अजय माथुर को परिषद् के सदस्य के रूप में शामिल किया।
माथुर पूर्ण कार्यकारी अधिकारों के साथ काम करेंगे। इस कदम के साथ ही पचौरी को पिछले सप्ताह कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद उन्हें जो भी कार्यकारी अधिकार मिले थे, वे सभी समाप्त हो गए। यह पूछने पर कि क्या पचौरी को अवकाश पर भेजा गया है या उन्होंने स्वयं छुट्टी ली है, टेरी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
टेरी के एक अधिकारी ने कहा, 'हमारे बयान में हमारा रुख स्पष्ट कर दिया गया है। उसमें कोई निहितार्थ नहीं है।' चालीस साल से भी ज्यादा समय तक परिषद् के सदस्य रहने के बाद बी.वी. श्रीकांतन ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
टेरी के नए प्रमुख अशोक चावला ने यह भी कहा कि संगठन की प्रमाणिकता और साख को गिरने नहीं देना चाहिए। इस बीच यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे पचौरी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर विभिन्न महिला कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को टेरी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में शामिल एक महिला ने कहा, 'कल एक अन्य महिला ने भी सामने आकर आरोप लगाया कि पचौरी कई लोगों का उत्पीड़न कर चुके हैं। यौन उत्पीड़न के आरोपों को झेल रहे लोगों को बर्खास्त किया जाता है, पदोन्नत नहीं।' उसने कहा, 'हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि प्रशासनिक परिषद् की बैठक चल रही है। हम उनसे बात करना चाहते हैं कि पचौरी को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए।'
इसी से संबंधित घटनाक्रम में प्रतिस्पर्धा आयोग के पूर्व प्रमुख अशोक चावला को संगठन का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। उन्होंने संकेत दिया कि भविष्य में यौन उत्पीड़न की किसी भी शिकायत के लिए बाहरी जांच अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।
टेरी के पूर्व महानिदेशक पचौरी अभी भी महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं। कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को संगठन के परिषद् की बैठक के दौरान पचौरी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
टेरी विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा गुरुवार को पचौरी के हाथों डिग्री लेने से मना करने के बाद वह टेरी विश्वविद्यालय से अवकाश पर चले गए थे। शुक्रवार को उन्होंने संगठन के अन्य दो हिस्सों, टेरी और उसकी प्रशासन परिषद् से भी अवकाश लिया है।
टेरी ने अपनी प्रशासनिक परिषद् की बैठक के बाद एक बयान में कहा, 'आर.के. पचौरी, जो 1982 से संस्थान के प्रमुख रहे हैं, वह टेरी, टेरी प्रशासनिक परिषद् और टेरी विश्वविद्यालय से अवकाश पर रहेंगे, जब तक प्रशासनिक परिषद् द्वारा इसकी समीक्षा नहीं की जाती। मामले के कोर्ट में लंबित होने को देखते हुए ऐसा किया गया है।' परिषद् की बैठक में संगठन की भूमिका, जिम्मेदारियों और नेतृत्व पर चर्चा की गई।
टेरी ने कहा कि वह केन्द्रीय वित्त सचिव रह चुके 65 वर्षीय चावला के नेतृत्व को लेकर उत्साहित है। साथ ही संगठन ने परिषद् ने नए महानिदेशक अजय माथुर को परिषद् के सदस्य के रूप में शामिल किया।
माथुर पूर्ण कार्यकारी अधिकारों के साथ काम करेंगे। इस कदम के साथ ही पचौरी को पिछले सप्ताह कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद उन्हें जो भी कार्यकारी अधिकार मिले थे, वे सभी समाप्त हो गए। यह पूछने पर कि क्या पचौरी को अवकाश पर भेजा गया है या उन्होंने स्वयं छुट्टी ली है, टेरी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
टेरी के एक अधिकारी ने कहा, 'हमारे बयान में हमारा रुख स्पष्ट कर दिया गया है। उसमें कोई निहितार्थ नहीं है।' चालीस साल से भी ज्यादा समय तक परिषद् के सदस्य रहने के बाद बी.वी. श्रीकांतन ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
टेरी के नए प्रमुख अशोक चावला ने यह भी कहा कि संगठन की प्रमाणिकता और साख को गिरने नहीं देना चाहिए। इस बीच यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे पचौरी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर विभिन्न महिला कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को टेरी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में शामिल एक महिला ने कहा, 'कल एक अन्य महिला ने भी सामने आकर आरोप लगाया कि पचौरी कई लोगों का उत्पीड़न कर चुके हैं। यौन उत्पीड़न के आरोपों को झेल रहे लोगों को बर्खास्त किया जाता है, पदोन्नत नहीं।' उसने कहा, 'हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि प्रशासनिक परिषद् की बैठक चल रही है। हम उनसे बात करना चाहते हैं कि पचौरी को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए।'
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