कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी की जम्मू - कश्मीर इकाई के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर को हिरासत में लिया जाना पूरी तरह गैरकानूनी है. उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि अदालतें नागरिकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेंगी. पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ''गुलाम अहमद मीर शुक्रवार से नजरबंद हैं. उन्हें हिरासत में लेने का कोई लिखित आदेश नहीं था. यह गैरकानूनी है.'' उन्होंने कहा, ''सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है कि वह कानूनी प्राधिकार के बिना नागरिकों को एक पल के लिए भी उनकी आजादी से वंचित करे. यह संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है.'' चिदंबरम ने कहा, '' मैं आशा करता हूं कि अदालतें नागरिकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेंगी.'' दरअसल, कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई को शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन करने से रोक दिया गया और पुलिस ने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व एमएलसी रविंदर शर्मा को जम्मू स्थित पार्टी मुख्यालय में हिरासत में ले लिया. पुलिस का कहना है कि शर्मा को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया है. वहीं कांग्रेस का दावा है कि उसके प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर को भी उस वक्त हिरासत में ले लिया गया जब वह पार्टी कार्यालय जा रहे थे.
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आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी जम्मू-कश्मीर के अपने ''दो नेताओं की गिरफ्तारी'' की निंदा करते हुए शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया था कि आखिर यह 'पागलपन' कब खत्म होगा. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मैं जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुलाम मीर और प्रवक्ता रवींद्र शर्मा की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं. '' गांधी ने कहा, "राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के खिलाफ की गई इस अकारण कार्रवाई से सरकार लोकतंत्र को और नीचे ले गयी है. यह पागलपन कब खत्म होगा?"
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दरअसल, कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई को शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन करने से रोक दिया गया और पुलिस ने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व एमएलसी रवींद्र शर्मा को जम्मू स्थित पार्टी मुख्यालय में हिरासत में ले लिया. पुलिस का कहना है कि शर्मा को एहतियातन हिरासत में लिया गया है. कांग्रेस का दावा है कि उसके प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर को भी उस वक्त हिरासत में ले लिया गया जब वह पार्टी कार्यालय जा रहे थे. पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि सरकार का यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और सरकार के दोहरे रुख को दिखाता है जो कह रही है कि राज्य में स्थिति सामान्य है. आजाद ने यह भी कहा कि शर्मा के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित मुख्यधारा के उन सभी नेताओं को रिहा किया जाए जिन्हें गिरफ्तार किया गया है.
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