कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कन्हैया कुमार एवं कुछ अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए शनिवार को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि देशद्रोह कानून के बारे में दिल्ली सरकार की समझ गलत है. चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘ देशद्रोह कानून को लेकर दिल्ली सरकार की समझ केंद्र से कुछ कम गलत नहीं है.'उन्होंने कहा, 'मैं कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए और 120 बी के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने को पुरजोर तरीके से खारिज करता हूं. दरअसल, दिल्ली सरकार ने राजद्रोह के एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दो अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी. पुलिस ने 2016 के इस मामले में कुमार के साथ ही जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने नौ फरवरी, 2016 को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान जुलूस निकाला था और वहां कथित रूप से लगाये गये देश-विरोधी नारों का समर्थन किया था.
दिल्ली सरकार की ओर से फाइल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को मिल चुकी है. यह फाइल जल्द ही कोर्ट को सौंप दी जाएगी. जेएनयू देशद्रोह के मामले (JNU sedition Case) को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दस दिन पहले 19 फरवरी को दिल्ली सरकार को पत्र लिखा था. पुलिस ने दिल्ली सरकार से इस मामले में तेजी लाने के लिए कहा था. फरवरी 2016 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कथित तौर पर लगाए गए देश विरोधी नारों के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने एक अहम बयान के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस ने यह कदम उठाया था. अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि जो भी संबंधित विभाग है उसमें उनकी कोई दखलंदाजी नहीं है. उनके निर्णय को वे नहीं बदल सकते.
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