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This Article is From Sep 06, 2014

जम्मू-कश्मीर में आई 50 सालों की सबसे भीषण बाढ़ में मृतकों की संख्या 150 के करीब पहुंची

जम्मू-कश्मीर में आई 50 सालों की सबसे भीषण बाढ़ में मृतकों की संख्या 150 के करीब पहुंची
अखूनर में बाढ़ के कहर का मंजर (चित्र - एपी)
जम्मू / श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित पुलवामा जिले में राहत अभियान के दौरान एक अधिकारी सहित नौ सैन्यकर्मी उस समय झेलम नदी की तेज धारा में फंस गए, जब उनकी नाव पलट गई। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पुलवामा जिले के पंपोर क्षेत्र में राहत एवं बचाव अभियान में लगे सैन्यकर्मियों की एक टीम उस समय झेलम नदी की तेज धारा में फंस गई, जब उन्हें ले जा रही नाव पलट गई।

सैन्य अधिकारियों के मुताबिक दो सैन्यकर्मी अब भी फंसे हैं। इन लोगों को वहां से निकालने के लिए दो हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में बाढ़ की स्थिति पिछले साल उत्तराखंड में आई बाढ़ जितनी ही गंभीर है। सेना ने समूची घाटी में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 60 टुकड़ियां लगाई हैं।

जम्मू-कश्मीर में 50 सालों में सबसे भीषण बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 150 के करीब पहुंच गई है। अब भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। इस बीच, पुलवामा जिले में झेलम नदी का तटबंध टूट गया है। श्रीनगर में हवाई अड्डा मार्ग सहित दक्षिणी हिस्सों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।

माता वैष्णो देवी की यात्रा शनिवार को लगातार तीसरे दिन स्थगित रही। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एमके भंडारी ने बताया कि भूस्खलन के कारण मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग बंद हो गए हैं। ऐसे में 25,000 से अधिक श्रद्धालु रियासी जिले के कटरा शहर में रुके हुए हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग भी शनिवार को लगातार तीसरे दिन बंद रहा।

मध्य कश्मीर में सिंधु नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ इसके आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा गया है। पिछले पांच दिनों में लगातार हो रही बारिश की वजह से ऊपरी इलाकों में बादल फटने और अचानक आने वाले बाढ़ को देखते हुए लोगों के लिए चेतावनी जारी की गई है।

जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की स्थिति पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की। राजनाथ सिंह सुबह पहुंचे और हवाई अड्डे के तकनीकी क्षेत्र में मुख्यमंत्री से मुलाकात की।

वहां दोनों ने छह दशक में राज्य की सबसे भयानक बाढ़ से पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में चर्चा की। गृहमंत्री को अवगत कराने के बाद उमर ने सिंह के साथ श्रीनगर का दौरा किया, जहां सुबह से ही भारी बारिश हो रही है।

राज्य में हालात बिगड़ने के साथ ही सेना राहत और बचाव अभियान में जुटी हुई है। बाढ़ के कारण राज्य की सड़कों, दर्जनों पुलों, इमारतों तथा फसलों को नुकसान पहुंचा है।

(इनपुट भाषा से भी)

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