नई दिल्ली:
देश के 434 शहरों एवं नगरों में कराये गए स्वच्छता सर्वेक्षण के अनुसार इसमें हिस्सा लेने वाले 83 प्रतिशत से अधिक लोगों ने बताया कि उनका क्षेत्र पिछले वर्ष की तुलना में अधिक स्वच्छ हुआ है . सरकार की ओर से मंगलवार को जारी सर्वेक्षण परिणाम में यह बात सामने आई हैं स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 के अनुसार, 82 प्रतिशत से अधिक नागरिकों ने स्वच्छता बुनियादी ढांचा और अधिक कूड़ेदान की उपलब्धता तथा घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित करने जैसी सेवाओं में सुधार के बारे में बताया जबकि 80 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों तक बेहतर पहुंच के बारे में बताया.
इसमें कहा गया है कि 404 शहरों और कस्बों के 75 प्रतिशत आवासीय क्षेत्र में अधिक स्वच्छता देखी गई. इसके साथ ही 185 शहरों में रेलवे स्टेशन के आसपास का पूरा इलाका स्वच्छ बताया गया है. सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 75 प्रतिशत सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय हवादार थे तथा वहां पर्याप्त रोशनी और जल आपूर्ति थी. 297 शहरों और कस्बों के 80 प्रतिशत वाडरे में घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित किया जा रहा है. शहरी विकास मंत्रालय ने देश के एक लाख और उससे अधिक आबादी वाले 500 शहरों और नगरों में जनवरी.फरवरी में स्वच्छता सर्वेक्षण कराया था . हालांकि इसका परिणाम 434 शहरों के लिए ही उपलब्ध है.
इसमें कहा गया है कि 226 शहरों और कस्बों में 75 प्रतिशत निर्धारित वाणिज्यिक क्षेत्रों में दो बार सफाई की जा रही है जबकि 166 शहरों और कस्बों में कूड़ा एकत्रित करने के लिए
जीपीएस और आरएफआईडी आधारित वाहन चलाए जा रहे हैं. मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 227 शहरों और कस्बों में स्वच्छता कर्मचारी के पदों की रिक्तियां दस प्रतिशत से कम हो गयी हैं . 158 शहरों में आईसीटी आधारित उपस्थिति गरानी की जा रही है. सर्वेक्षण में सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों को अधिक बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों के अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है.इसमें कहा गया है कि 18 लाख प्रतिदर्श सर्वेक्षण से पता चला है कि पिछले एक वर्ष में शहर अधिक स्वच्छ हुए हैं . यह सर्वेक्षण क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया ने किया है.शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सर्वेक्षण के निष्कर्षो पर मंत्रालय के अधिकारियों और सर्वेक्षकों के साथ विस्तृत चर्चा करने के बाद आज ट्वीट में कहा कि सर्वेक्षण के परिणाम अति उत्साहजनक हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसमें कहा गया है कि 404 शहरों और कस्बों के 75 प्रतिशत आवासीय क्षेत्र में अधिक स्वच्छता देखी गई. इसके साथ ही 185 शहरों में रेलवे स्टेशन के आसपास का पूरा इलाका स्वच्छ बताया गया है. सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 75 प्रतिशत सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय हवादार थे तथा वहां पर्याप्त रोशनी और जल आपूर्ति थी. 297 शहरों और कस्बों के 80 प्रतिशत वाडरे में घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित किया जा रहा है. शहरी विकास मंत्रालय ने देश के एक लाख और उससे अधिक आबादी वाले 500 शहरों और नगरों में जनवरी.फरवरी में स्वच्छता सर्वेक्षण कराया था . हालांकि इसका परिणाम 434 शहरों के लिए ही उपलब्ध है.
इसमें कहा गया है कि 226 शहरों और कस्बों में 75 प्रतिशत निर्धारित वाणिज्यिक क्षेत्रों में दो बार सफाई की जा रही है जबकि 166 शहरों और कस्बों में कूड़ा एकत्रित करने के लिए
जीपीएस और आरएफआईडी आधारित वाहन चलाए जा रहे हैं. मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 227 शहरों और कस्बों में स्वच्छता कर्मचारी के पदों की रिक्तियां दस प्रतिशत से कम हो गयी हैं . 158 शहरों में आईसीटी आधारित उपस्थिति गरानी की जा रही है. सर्वेक्षण में सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों को अधिक बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों के अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है.इसमें कहा गया है कि 18 लाख प्रतिदर्श सर्वेक्षण से पता चला है कि पिछले एक वर्ष में शहर अधिक स्वच्छ हुए हैं . यह सर्वेक्षण क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया ने किया है.शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सर्वेक्षण के निष्कर्षो पर मंत्रालय के अधिकारियों और सर्वेक्षकों के साथ विस्तृत चर्चा करने के बाद आज ट्वीट में कहा कि सर्वेक्षण के परिणाम अति उत्साहजनक हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं