भारी बमबारी के बीच रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव की तरफ बढ़ रही है. बढ़ते खतरे को देखते हुए यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों ने सरकार से अपील की है कि वह सुरक्षित भारत लौटने में मदद करें. रूसी हमले के चलते यूक्रेन के अपने हवाई क्षेत्र बंद करने के बाद कई छात्र यूक्रेन छोड़ने के लिए बेताब हैं. कीव के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट आज सुबह दिल्ली वापस लौट आई क्योंकि यूक्रेन ने वाणिज्यिक उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है.
कीव हवाई अड्डे पर फ्लाइट पकड़ने का इंतजार कर रहे भारतीय छात्रों को एयरपोर्ट के बाहर ले जाया गया. कई लोगों ने शिकायत की कि उनका सामान हवाई अड्डे पर ही छूट गया. कई छात्र तो दूसरे शहरों से फ्लाइट पकड़ने के लिए यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे थे.
यूक्रेन में पढ़ाई कर रहीं राजस्थान की आशिता सोनी ने कहा, "कल मेरे दोस्त कीव जा रहे थे. उन्हें बीच रास्ते में रोक लिया गया और वापस कर दिया गया."
सोनी ने कहा, "अगर हम भारतीय दूतावास को फोन करते हैं और पूछते हैं कि हमें क्या करना चाहिए, हमें कहां जाना चाहिए, तो उनके पास कोई जवाब नहीं है. वे जवाब नहीं दे रहे हैं."
उन्होंने कहा, "उनकी यूनिवर्सिटी का कहना है कि "क्लास में आओ", घबराने की कोई जरूरत नहीं है. सोनी ने कहा, "यूनिवर्सिटी के लिए हमारे जान की कोई कीमत नहीं है. भारत सरकार के लिए हमारे जीवन की कोई कीमत नहीं है."
उन्होंने यह भी शिकायत की कि इस संकट में समय में भी टिकट के कीमत इतनी ज्यादा है कि एक मिडिल क्लास फैमिली के लिए इसे उठाना मुश्किल है.
सोनी ने कहा, "संकट के वक्त में भी टिकट की कीमत 60,000 से 70,000 रुपये है. शायद अमीर परिवार इतने पैसों का भुगतान कर सकते हैं, लेकिन एक मध्यमवर्गीय परिवार इतने पैसे कैसे चुका सकेगा? इस स्थिति में, हमें बाहर निकालना सरकार की जिम्मेदारी है- यदि मुफ्त नहीं है, तो कम से कम अधिक सुविधाजनक कीमत पर."
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