यूपी विधानसभा में हंगामा करते विधायकों को बाहर निकालते मार्शल...
नई दिल्ली:
कानून-व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए एकजुट हुए समूचे विपक्ष ने आज उत्तर प्रदेश विधानसभा में जोरदार हंगामा किया. नतीजतन विधानसभा अध्यक्ष को मार्शल बुलाकर उन्हें बाहर कराना पड़ा.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी बसपा के साथ-साथ भाजपा, राष्ट्रीय लोकदल और अपना दल के सदस्य बैनर और तख्तियां लेकर सदन के बीचों-बीच आकर हंगामा करने लगे. बसपा सदस्यों ने 'दलितों पर अत्याचार नहीं चलेगा, नहीं चलेगा' और कुछ अन्य नारे लिखी टोपियां पहनी थीं. वहीं, भाजपा ने कानून-व्यवस्था, बिजली और महिला सुरक्षा के मुद्दों को नारेबाजी के जरिए उठाया.
रालोद सदस्यों ने भी गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं होने का मुद्दा उठाया. विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने शोरगुल कर रहे सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर बैठने का आग्रह किया, लेकिन हंगामा नहीं थमा.
संसदीय कार्य मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि सदन के बीचोबीच आकर हंगामा कर रहे विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. ये सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के सदन में आने और कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सदन के बीचोंबीच आकर उसकी अवमानना कर रहे हैं. संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने कहा, 'वे (विपक्षी सदस्य) चीजों को साम्प्रदायिक रंग देकर प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं. बसपा के सदस्य तो मीडिया में सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए यह सब कर रहे हैं. यही वजह है कि वे हमें बैनर दिखाने के बजाय मीडिया को दिखा रहे हैं. इसी से उनके इरादे जाहिर हो जाते हैं'.
इस बीच, हंगामा करने वाले सदस्यों को सदन से बाहर करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया और मार्शल को बुलाया गया. मार्शल ने जब उन्हें बाहर करने की कोशिश की तो वे एक-दूसरे से सट गए. जहां कुछ विधायकों ने मार्शल का विरोध किया, वहीं कुछ अन्य विधायक स्वेच्छा से सदन के बाहर चले गए.
बसपा के कुछ विधायकों को मार्शल का बलपूर्वक विरोध करते हुए देखा गया. संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने संबंधित सदस्यों के इस रवैये को निंदनीय करार दिया. उन्होंने कहा, 'ऐसा सदन में पहले कभी नहीं हुआ. कुछ विधायक मार्शल का बलपूर्वक विरोध कर रहे हैं'. विधानसभा अध्यक्ष पाण्डेय ने कहा कि उन्हें मजबूरन ऐसा सख्त कदम उठाना पड़ा जो उन्होंने पिछले साढ़े चार साल में नहीं उठाया था.
इस पर खां ने कहा, 'बसपा और भाजपा सिर्फ खबर बनाने के मकसद से सदन में र्दुव्यवहार की होड़ कर रहे हैं'. सदन से बाहर किए जाने के बाद सम्बन्धित सदस्यों ने बाहर गलियारे में धरना-प्रदर्शन दिया.
हंगामें की तस्वीरें...
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी बसपा के साथ-साथ भाजपा, राष्ट्रीय लोकदल और अपना दल के सदस्य बैनर और तख्तियां लेकर सदन के बीचों-बीच आकर हंगामा करने लगे. बसपा सदस्यों ने 'दलितों पर अत्याचार नहीं चलेगा, नहीं चलेगा' और कुछ अन्य नारे लिखी टोपियां पहनी थीं. वहीं, भाजपा ने कानून-व्यवस्था, बिजली और महिला सुरक्षा के मुद्दों को नारेबाजी के जरिए उठाया.
रालोद सदस्यों ने भी गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं होने का मुद्दा उठाया. विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने शोरगुल कर रहे सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर बैठने का आग्रह किया, लेकिन हंगामा नहीं थमा.
संसदीय कार्य मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि सदन के बीचोबीच आकर हंगामा कर रहे विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. ये सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के सदन में आने और कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सदन के बीचोंबीच आकर उसकी अवमानना कर रहे हैं. संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने कहा, 'वे (विपक्षी सदस्य) चीजों को साम्प्रदायिक रंग देकर प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं. बसपा के सदस्य तो मीडिया में सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए यह सब कर रहे हैं. यही वजह है कि वे हमें बैनर दिखाने के बजाय मीडिया को दिखा रहे हैं. इसी से उनके इरादे जाहिर हो जाते हैं'.
इस बीच, हंगामा करने वाले सदस्यों को सदन से बाहर करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया और मार्शल को बुलाया गया. मार्शल ने जब उन्हें बाहर करने की कोशिश की तो वे एक-दूसरे से सट गए. जहां कुछ विधायकों ने मार्शल का विरोध किया, वहीं कुछ अन्य विधायक स्वेच्छा से सदन के बाहर चले गए.
बसपा के कुछ विधायकों को मार्शल का बलपूर्वक विरोध करते हुए देखा गया. संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने संबंधित सदस्यों के इस रवैये को निंदनीय करार दिया. उन्होंने कहा, 'ऐसा सदन में पहले कभी नहीं हुआ. कुछ विधायक मार्शल का बलपूर्वक विरोध कर रहे हैं'. विधानसभा अध्यक्ष पाण्डेय ने कहा कि उन्हें मजबूरन ऐसा सख्त कदम उठाना पड़ा जो उन्होंने पिछले साढ़े चार साल में नहीं उठाया था.
इस पर खां ने कहा, 'बसपा और भाजपा सिर्फ खबर बनाने के मकसद से सदन में र्दुव्यवहार की होड़ कर रहे हैं'. सदन से बाहर किए जाने के बाद सम्बन्धित सदस्यों ने बाहर गलियारे में धरना-प्रदर्शन दिया.
हंगामें की तस्वीरें...
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