
मुख्तार अब्बास नकवी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राज्यसभा में आज संघ परिवार से जुड़े कुछ नेताओं की ओर से एक वीएचपी कार्यकर्ता की हत्या का बदला लेने जैसे कथित बयानों पर कई सांसदों ने चिंता जताई।
शून्यकाल में यह मामला मनोनीत सांसद अनु आगा ने उठाया और देश की एकता को बनाए रखने की अपील की। सत्तापक्ष और विपक्ष के हंगामे के बीच आगा की इस अपील को कांग्रेस, सीपीएम और जेडी(यू) समेत कई पार्टियों के सांसदों का समर्थन मिला।
अनु आगा ने शून्यकाल में कहा कि संघ परिवार से जुड़े कुछ लोग अल्पसंख्यक समुदाय से बदला लेने का आह्वान कर रहे हैं। आगा ने कहा कि एक शांति प्रिय देश में इस तरह की घटनाएं बंद होनी चाहिए और उनकी निंदा की जानी चाहिए। आगा ने कहा कि देश की एकता और विविधता को बनाए रखने और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ज़रूरी है कि ऐसी घटनाएं न हों।
सरकार की ओर से संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस देश की एकता और सौहार्द बरकरार है और कोई भी विनाशकारी एजेंडा विकास के एजेंडे पर भारी नहीं पड़ेगा। हालांकि नकवी के जवाब के बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा भी किया।
ग़ौरतलब है कि आगरा में विश्व हिन्दू परिषद के एक नेता की दिन दहाड़े हत्या होने के बाद पर उसकी शोकसभा में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया पर आपत्तिजनक बयान देने के आरोप लगे थे।
आगा के फौरन बाद कांग्रेस सांसद मधुसूदन मिस्त्री ने उत्तर प्रदेश के बदायूं में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर कालिख पोतने का मसला उठाया। उन्होंने इसके लिए बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं को ज़िम्मेदार ठहराया।
मिस्त्री ने कहा कि नेहरूजी देश की आज़ादी के लिए जेल गए थे और अब वे लोग राष्ट्रवाद पढ़ा रहे हैं, जिन्होंने आरएसएस के मुख्यालय पर तिरंगा फहराने से मना कर दिया था। उन्होंने इस घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह क़ानून और व्यवस्था से जुड़ा मामला है जो कि राज्य का मसला है। नकवी ने घटना से बीजेपी और आरएसएस का नाम जोड़े जाने पर भी ऐतराज किया।
गौरतलब है कि आज राज्यसभा में कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, प्रमोद तिवारी और सीपीआई के डी राजा की ओर से मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया के आपत्तिजनक भाषण पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी लाया जाएगा।
शून्यकाल में यह मामला मनोनीत सांसद अनु आगा ने उठाया और देश की एकता को बनाए रखने की अपील की। सत्तापक्ष और विपक्ष के हंगामे के बीच आगा की इस अपील को कांग्रेस, सीपीएम और जेडी(यू) समेत कई पार्टियों के सांसदों का समर्थन मिला।
अनु आगा ने शून्यकाल में कहा कि संघ परिवार से जुड़े कुछ लोग अल्पसंख्यक समुदाय से बदला लेने का आह्वान कर रहे हैं। आगा ने कहा कि एक शांति प्रिय देश में इस तरह की घटनाएं बंद होनी चाहिए और उनकी निंदा की जानी चाहिए। आगा ने कहा कि देश की एकता और विविधता को बनाए रखने और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ज़रूरी है कि ऐसी घटनाएं न हों।
सरकार की ओर से संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस देश की एकता और सौहार्द बरकरार है और कोई भी विनाशकारी एजेंडा विकास के एजेंडे पर भारी नहीं पड़ेगा। हालांकि नकवी के जवाब के बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा भी किया।
ग़ौरतलब है कि आगरा में विश्व हिन्दू परिषद के एक नेता की दिन दहाड़े हत्या होने के बाद पर उसकी शोकसभा में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया पर आपत्तिजनक बयान देने के आरोप लगे थे।
आगा के फौरन बाद कांग्रेस सांसद मधुसूदन मिस्त्री ने उत्तर प्रदेश के बदायूं में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर कालिख पोतने का मसला उठाया। उन्होंने इसके लिए बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं को ज़िम्मेदार ठहराया।
मिस्त्री ने कहा कि नेहरूजी देश की आज़ादी के लिए जेल गए थे और अब वे लोग राष्ट्रवाद पढ़ा रहे हैं, जिन्होंने आरएसएस के मुख्यालय पर तिरंगा फहराने से मना कर दिया था। उन्होंने इस घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह क़ानून और व्यवस्था से जुड़ा मामला है जो कि राज्य का मसला है। नकवी ने घटना से बीजेपी और आरएसएस का नाम जोड़े जाने पर भी ऐतराज किया।
गौरतलब है कि आज राज्यसभा में कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, प्रमोद तिवारी और सीपीआई के डी राजा की ओर से मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया के आपत्तिजनक भाषण पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी लाया जाएगा।
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