स्कूली बच्चियों के लिए दिल्ली पुलिस का 'ऑपरेशन निर्भीक'

स्कूली बच्चियों के लिए दिल्ली पुलिस का 'ऑपरेशन निर्भीक'

नई दिल्‍ली:

दिल्ली पुलिस ने स्कूली छात्राओं की मदद के लिए ऑपरेशन निर्भीक की शुरुआत की है जिसके तहत पुलिस स्कूलों में जाकर ना सिर्फ उनकी मुश्किलें सुन रही है बल्कि इससे उन बच्चियों को भी उम्मीद बंधी है जो अपने परिवार या रिश्तेदार में किसी मुश्किल का शिकार हैं, लेकिन झिझक या पुलिस तक पहुंच नहीं होने की वजह से उन्हें चुपचाप सहना पड़ता है।

एक वीडियो के जरिए पुलिस जाफराबाद के एक स्कूल में बता रही है कि चाहे पड़ोसी हों या उनके घरवाले, अगर कोई भी उनके साथ किसी तरह की गलत हरकत करता है तो वे दिल्ली पुलिस को खुलकर बताएं। किसी से डरें नहीं पुलिस उनके साथ है।

एक छात्रा तुरंत खड़ी हुई और पुलिस को बताया कि किस तरह से जब वो स्कूल आती जाती है तो रास्ते में लड़के उसे तंग करते हैं। वैसे स्‍कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए ये परेशानी आम है। इसीलिए पुलिस ने ऑपरेशन सखी और निर्भीक शुरू किया है। जिसके तहत पुलिस सभी स्कूलों में जाकर बच्चों की क्लास ले रही है, उन्हें बता रही है कि गुड टच क्या है और बैड टच क्या है। यानी आपका कोई करीबी या कोई और आपको कहां टच करे कहां न करे ये जानकारी बच्चों के लिए बेहद जरूरी है।

इस अभियान के तहत हर हफ्ते स्कूल जाकर बच्चों से बात के अलावा हर स्कूल में पुलिस ने बॉक्स भी लगाये हैं ताकि बच्चे बेहिचक अपनी शिकायतें उनतक पहुंचा सकें। अभी तक पुलिस को छात्राओं की करीब 40 लिखित और 300 के करीब मैाखिक शिकायतें मिल चुकी हैं। लेकिन बॉक्स में सीमापुरी इलाके की एक छात्रा की चिटठी ने पुलिस को भी झकझोर दिया। लिखा था, 'मैं बहुत मुश्किल से रह पा रही हूं, मेरे पापा मेरे साथ बहुत बुरा करते हैं, मेरे साथ बलात्कार की कोशिश करते हैं। मेरी मां बहुत घबराती है लेकिन वो कुछ नहीं करती, कहती है जैसे मैने सहा वैसे तुम भी सहो। सर प्लीज मेरी हेल्प करो।'

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अब वो पापा जेल में हैं और ऐसे ही 3 और मामलों में बच्चियों के घरवाले और एक मैथ टीचर को भी पुलिस ने उनके सही ठिकाने तक पहुंचा दिया है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी वीनू बंसल के मुताबिक कई बार बच्चों के घरवाले ही उन्हें पुलिस में शिकायत करने से रोक देते हैं या फिर वो खुद बच्चों के साथ गलत काम करते हैं। हमने ऐसे बच्चों को शिकायत देने के लिए ये फोरम तैयार किया है जिससे बच्चे मौखिक या लिखित तौर पर हमें अपनी बात बता सकें। फिलहाल ये अभियान उत्तर पूर्वी जिले में चलाया जा रहा है जो जल्द ही पूरी दिल्ली के स्कूलों तक पहुंचाया जायेगा।