केरल के मंत्री जी. सुधाकरन ने कहा है कि सड़कों की खराब हालत से जुड़े मुद्दों पर राज्य सरकार को दोषी ठहराना उचित नहीं है. मामले में केरल हाईकोर्ट की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद मंत्री का यह बयान सामने आया है. गुरुवार को एक 23 वर्षीय युवक को एक ट्रक ने तब कुचल दिया, जब उसकी बाइक ने लोहे की एक बैरिकेड को टक्कर मार दी थी, जो कोच्चि में मुख्य सड़क पर गड्ढे को लेकर कोच्चि के लोगों के लिए एक चेतावनी लेकर आया. सुधाकरन ने एक समारोह में बोलते हुए कहा कि चीजों को तूल देना उचित नहीं है. सुधाकरन ने कहा, "वित्तमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री को दोष देना उचित नहीं है.
चीजों को तूल देना अच्छा नहीं होगा. इस मामले में, केरल जल प्राधिकरण पूरी तरह से जिम्मेदार है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. गलत काम करने वालों की आलोचना की जानी चाहिए." उन्होंने आगे कहा, "केरल में अदालतों में लंबित ढेर सारे मामलों को देखिए. यह इसलिए है, क्योंकि न्यायाधीशों और सुविधाओं की कमी है. क्या इसका मतलब यह है कि वे (न्यायाधीश) अपना काम नहीं कर रहे हैं? हमारी सरकार न्यायपालिका का बहुत सम्मान करती है और हमारे कार्यकाल के दौरान हमने बुनियादी ढांचे के निर्माण में न्यायपालिका के लिए 700 करोड़ रुपये खर्च किए हैं." शुक्रवार को केरल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने पीड़ित के परिवार के सदस्यों से माफी मांगी.
नाराज न्यायाधीश ने एडवोकेट जनरल से पूछा, "संबंधित अधिकारियों के इस संबंध में कदम उठाने से पहले कितने और मरने चाहिए?" न्यायाधीश ने तब कहा कि यह शर्म की बात है कि इस मुद्दे पर अदालत के हस्तक्षेप के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है, अगर यह जारी रहता है, तो संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे और यहां तक कि सात पीढ़ियों की आमदनी भी मुआवजे के लिए पर्याप्त नहीं होगी. अदालत ने तीन सदस्यीय एमिकस क्यूरी को नियुक्त किया और उन्हें 20 दिसंबर तक कोच्चि की सड़कों की स्थिति पर एक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.
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