सरकार ने सैनिकों के लिए शनिवार को वन रैंक वन पेंशन को लेकर नोटिफिकिशन जारी कर दिया । इसके मुताबिक पेंशन 1 जुलाई 2014 से लागू होगी। अगर एक रैंक और एक सेवा अवधि हो तो पेंशन 2013 में रिटायर हुए सैनिकों के मुताबिक होगी। जिस पूर्व सैन्य कर्मी को औसत से अधिक पेंशन मिल रही है तो उसे बनाए रखा जाएगा।
बकाया ( एरियर्स ) छह छह महीने में चार किस्तों में दिया जाएगा। लेकिन सैनिक के आश्रित परिवार, बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित को एक ही किस्त में बकाया राशि दी जाएगी। भविष्य में पेंशन की समीक्षा हर पांच साल में की जाएगी। समय से पहले रिटायरमेंट लेने वालों को ओआरओपी का लाभ मिलेगा लेकिन अधिसूचना जारी हो जाने के बाद से, यानि 7 नवंबर 2015 से पहले रिटायरमेंट लेने वाले को इसका फायदा नहीं मिलेगा।
सरकार ने न्यायिक कमेटी का गठन करने की बात कही है जो कि ओरआरओपी के लागू करने के विसंगतियों को दूर करने का प्रयास करेगा। यह कमेटी छह माह में अपनी रिपोर्ट देगी। सरकार की इस घोषणा से करीब 25 लाख पूर्व सैनिकों को लाभ होगा।
फैसले से पूर्व सैनिक नाखुश
‘इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट’ के प्रमुख मेजर जनरल सतबीर सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा है कि ओआरओपी की अधिसूचना स्वीकार्य नहीं होगी। गौरतलब है कि अधिसूचना जारी होने में देरी से नाराज पदक प्राप्त पूर्व सैन्यकर्मियों ने देश भर में अगले हफ्ते से अपने सेवा पदक लौटा देने की घोषणा की थी। लेकिन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि दिवाली से पहले वन रैंक वन पेंशन की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। (पढ़ें- क्या है पूर्व सैनिकों की नाराजगी की वजह)
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