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This Article is From Jun 01, 2021

एक करोड़ का रोजगार छिना कोरोना की दूसरी लहर में, 97% परिवारों की घटी कमाई

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के सीईओ महेश व्यास ने कहा कि संगठित क्षेत्र में अच्छी नौकरियों के आने में समय लगता है. पिछले साल मई में कोरोना की रोकथाम के लिए ‘लॉकडाउन’ के कारण बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई थी.

एक करोड़ का रोजगार छिना कोरोना की दूसरी लहर में, 97% परिवारों की घटी कमाई
Unemployment Rate India : मई में बेरोजगारी दर 12 फीसदी पर पहुंच गई
मुंबई :

कोरोना महामारी की दूसरी लहर लोगों के रोजगार पर कहर बनकर टूटी. इस दौरान देश में एक करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है. पिछले साल कोरोना महामारी के आगाज से लेकर अब तक 97 प्रतिशत परिवारों की आय घटी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के सीईओ महेश व्यास ने सोमवार को ये जानकारी दी.व्यास ने कहा कि आकलन के अनुसार, बेरोजगारी दर मई में 12 प्रतिशत रही जो अप्रैल में 8 प्रतिशत थी. इसका मतलब है कि इस दौरान करीब एक करोड़ भारतीयों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है.

सीएमआईए (Center for Monitoring Indian Economy) के मुताबिक, रोजगार जाने की मुख्य वजह कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर है. भारतीय अर्थव्यवस्था में कामकाज पहला जैसा होने के साथ कुछ हद तक समस्या का समाधान हो जाने की आशा है, लेकिन यह पूरी तरह से पहले जैसा नहीं होगा. व्यास के अनुसार जिन लोगों ने नौकरी गंवाई है, उन्हें नया रोजगार तलाशने में दिक्कत हो रही है. असंगठित क्षेत्र में रोजगार तेजी से सृजित होते हैं, लेकिन संगठित क्षेत्र में अच्छी नौकरियों के आने में समय लगता है. पिछले साल मई में कोरोना की रोकथाम के लिए देशव्यापी ‘लॉकडाउन' के कारण बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई थी.विशेषज्ञों की राय है कि संक्रमण की दूसरी लहर चरम पर पहुंच चुकी है और अब राज्य धीरे-धीरे पाबंदियों में ढील देते हुए आर्थिक गतिविधियों की अनुमति देना शुरू करेंगे.व्यास ने आगे कहा कि 3-4 प्रतिशत की बेरोजगारी दर को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सामान्य माना जा सकता है. लिहाजा ऐसी स्थिति वापस आने में समय लग सकता है. सीएमआईई ने अप्रैल में 1.75 लाख परिवार का देशव्यापी सर्वे का काम पूरा किया था. इससे पिछले एक साल के दौरान आय सृजन को लेकर चिंताजनक स्थिति सामने आई है. सर्वे में शामिल परिवार में से केवल 3 प्रतिशत ने आय बढ़ने की बात कही, जबकि 55 प्रतिशत ने कहा कि उनकी आमदनी कम हुई है. 42 प्रतिशत ने कहा कि उनकी आय पिछले साल के बराबर बनी हुई है.अगर महंगाई दर को समायोजित किया जाए तो अनुमान है कि देश में 97 प्रतिशत परिवार की आय महामारी के दौरान कम हुई है.

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