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This Article is From Mar 04, 2020

लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही से खुद को रखा दूर, जानिए वजह

सूत्रों के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष के प्रयासों के बाद भी सदन मे हुए हंगामें से अध्यक्ष ओम बिरला व्यथित हो गये हैं.

लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही से खुद को रखा दूर, जानिए वजह
लोकसभा में चल रहे हंगामों से स्पीकर हुए दुखी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में लगातार गतिरोध बरकरार है. सोमवार को सदन में हुए हंगामे के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) ने मंगलवार को 17 दलों के नेताओं के साथ बैठक की थी. लेकिन इसके बाद भी मंगलवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ था. एक महिला सांसद के साथ धक्का मुक्की भी हुई थी. जबकि बैठक में यह तय किया गया था कि सांसद एक-दूसरे की तरफ़ नहीं जाएंगे. सूत्रों के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष के प्रयासों के बाद भी सदन मे हुए हंगामे से अध्यक्ष ओम बिरला व्यथित हो गए हैं. बुधवार को उन्होंने सदन की कार्यवाही से अपने आपको अलग कर लिया और पूरे दिन अपने चैंबर में बैठे रहें लेकिन सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया.

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बता दें कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने के लिए अड़े विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा था कि इस पर और हर मुद्दे पर सरकार होली के बाद लोकसभा में चर्चा कराने के लिये तैयार है. उनके इस प्रस्ताव पर विपक्षी सांसद भड़क गए थे और पन्ने फाड़कर स्पीकर की ओर फेंकने लगे थे.  ओम बिरला ने हंगामा कर रहे विपक्ष के सांसदों को नसीहत देते हुए कहा था कि  सदन में प्ले कार्ड लाना ठीक नहीं है.  विपक्षी पार्टियां स्पष्ट करें की प्लेकार्ड लाए जाने चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा था कि सदन सबकी सहमति से चलता है. इसके साथ ही ओम बिरला ने उन सांसदों को चेतावनी दी कि  वेल में आने वाले कार्रवाई होगी फिर चाहे वे सत्ता पक्ष के सांसद हों या फिर विपक्ष के.

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ओम बिरला ने कहा था कि सांसद को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जाएगा. लेकिन अध्यक्ष की हिदायतों के बाद भी लोकसभा में हंगामा जारी रहा था. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा था कि सदन में जो कुछ हुआ उससे वह व्यक्तिगत तौर पर दुखी हैं और ऐसी परिस्थिति में वह सदन संचालित नहीं करना चाहते. इसके बाद उन्होंने कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी थी.

गौरतलब है कि संसद (Parliament) में बजट सत्र (Budget Session) का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ था. जैसा कि पहले दिन दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर हंगामे की आशंका जताई जा रही थी, वैसा ही हुआ था. हिंसा को लेकर दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ था. विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन में खूब नारेबाजी की. विपक्षी सांसदों ने हिंसा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की. सांसदों ने इस्तीफा मांगने के लिए पोस्टर तैयार किए थे, जिन्हें संसद में दिखाया गया.

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सांसदों ने स्पीकर ओम बिड़ला (Om Birla) की बात सुनने से इंकार कर दिया था. स्पीकर ने कहा था कि यह स्थिति सही नहीं है. वह हालात के सामान्य होने तक इंतजार करेंगे और फिर इसपर चर्चा करेंगे. राज्यसभा में भी कांग्रेस, लेफ्ट, टीएमसी, सपा, बसपा और डीएमके सांसदों ने दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर जमकर नारेबाजी की थी. भारी हंगामे के बीच दोनों सदनों को कुछ वक्त के लिए स्थगित कर दिया गया था. 

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