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This Article is From Dec 18, 2020

हाथरस केस में CBI की चार्जशीट पर पीड़ित परिवार ने कहा, 'बेटी तो चली गई, अब न्याय मिल जाए'

14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में कथित रूप से गैंगरेप और प्रताड़ना की शिकार हुई 20 साल की पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी.

पीड़ित के पिता ने कहा, 'अब लग रहा है कि इंसाफ़ मिलेगा'

हाथरस:

उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras Case) में दलित लड़की से कथित गैंगरेप और यातना के मामले में चारों आरोपियों पर सीबीआई ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया. मामले में जांच कर रही सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार को हाथरस में एक अदालत के सामने चार्जशीट दाखिल की. ये खबर सुनते ही पीड़िता की मां भावुक हो गई. एनडीटीवी के साथ बातचीत में पीड़ित की मां ने अपनी बेटी को याद करते हुए रुंधे हुए गले से कहा, "हम तो अपनी बेटी का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाए. हमें उम्मीद नहीं थी... इंसाफ़ मिला है."

वहीं पीड़िता के पिता ने भी एनडीटीवी से अपना दर्द साझा करते हुए कहा, "हमें पुलिस पर तो बिल्कुल भरोसा नहीं था. लेकिन अब लग रहा है कि इंसाफ़ मिलेगा. सबसे ज़्यादा दुख समाज के साथ न देने का है. गांव वालों ने तो हम पर ही ऑनर किलिंग का आरोप लगा रहे थे. पर थोड़ी संतुष्टि है आज हमें. मैं समाज से यही कहना चाहूंगा कि जात-बिरादरी से ऊपर उठ खड़े होना चाहिए, किसी की बेटी हो, बेटी तो बेटी होती है."

बता दें कि शुक्रवार को आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा कि CBI ने चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर रेप और हत्या का आरोप लगाया गया है. वकील ने कहा कि सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप लगाए हैं, 

14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में कथित रूप से गैंगरेप और प्रताड़ना की शिकार हुई 20 साल की पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. 30 सितंबर को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में देर रात उसका अंतिम संस्कार हाथरस में कर दिया गया. 

यह भी पढ़ें- हाथरस केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हाईकोर्ट को सुनवाई करने दें, हम यहां नजर रखने के लिए बैठे हैं'

कहा जा रहा था कि पुलिस ने बिना परिवार की इजाजत लिए मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया था. इसे लेकर पुलिस को काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि "परिवार की इच्छा के अनुसार" अंतिम संस्कार किया गया था. 

अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा.  हाथरस  केस के मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर ने उत्तर प्रदेश पुलिस को एक चिट्ठी लिखकर दावा किया था कि उसे और बाकी तीन आरोपियों को इस केस में फंसाया जा रहा है. उसने उल्टा पीड़िता की मां और भाई पर ही उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. उसने चिट्ठी में सभी 'आरोपियों के लिए न्याय' की मांग की थी.

चार्जशीट में इन धाराओं का जिक्र 
धारा 302 (हत्या), एससी-एसटी एक्ट, धारा 376 (रेप), धारा 376 डी (गैंगरेप) और धारा 376 ए (रेप के कारण मौत या स्थिति विकृतशील होना)

हाथरस पीड़िता के परिवार ने कहा- सीबीआई जांच से संतुष्ट

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