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This Article is From Oct 23, 2014

प्रधानमंत्री ने बाढ़ से तबाह घरों को दोबारा बनाने के लिए 570 करोड़ रुपये की मदद देने का वादा किया

प्रधानमंत्री ने बाढ़ से तबाह घरों को दोबारा बनाने के लिए 570 करोड़ रुपये की मदद देने का वादा किया
श्रीनगर:

दुनिया के सबसे ऊंची युद्धभूमि के तौर पर शुमार सियाचिन में सैनिकों के साथ समय बिताने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाटी के बाढ़ पीड़ितों के साथ दिवाली का दिन बिताने के लिए गुरुवार दोपहर श्रीनगर पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री ने कश्मीर में बाढ़ से तबाह हुए घरों के पुनर्निर्माण के लिए 570 करोड़ रुपये और बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हुए अस्पतालों के लिए 175 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही हजारों स्कूली छात्रों को किताबें-कॉपियां मुहैया कराने की भी घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने यहां बाढ़ पीड़ितों का दर्द बांटते हुए कहा, 'भारत जम्मू कश्मीर के दर्द में बराबर का शरीक है। सरकार लोगों के पुनर्वास के प्रयासों में उनके साथ खड़ी है।'

इससे पहले जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाढ़ प्रभावित राज्य में राहत एवं पुनर्वास अभियानों की स्थिति के बारे में जानकारी दी और बाढ़ में तबाह क्षेत्रों का पुनर्निर्माण करने के लिए केंद्र से उदार वित्तीय सहायता की मांग की।

प्रधानमंत्री घाटी के बाढ़ पीड़ितों के बीच दिवाली का दिन बिताने के लिए गुरुवार दोपहर यहां पहुंचे। हवाई अड्डे पर प्रदेश के राज्यपाल एनएन वोहरा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उनकी अगवानी की।

प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे पर बैठक की जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राज्य प्रशासन के कुछ शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अधिकारियों ने बताया कि उमर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत एवं पुनर्वास अभियानों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उमर ने राज्य में बाढ़ से तबाह हुए क्षेत्रों के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र से उदार वित्तीय सहायता की मांग की।

राज्य में हालिया बाढ़ के बाद मोदी की जम्मू-कश्मीर की यह दूसरी यात्रा है। राज्य में प्राकृतिक आपदा आने के बाद सात सितंबर को अपनी पहली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने पीड़ितों के पुनर्वास के लिए 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की पेशकश की थी।

इससे पहले उमर ने उम्मीद जताई थी कि प्रधानमंत्री बाढ़ प्रभावित लोगों के राहत के लिए 44,000 करोड़ रुपये के पैकेज की राज्य सरकार की मांग को स्वीकार कर लेंगे।

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) ने दावा किया कि उसके प्रतिनिधियों को उन लोगों की सूची से हटा दिया गया जिन्हें प्रधानमंत्री से मिलना था। कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री राज्य आर्थिक पुनर्निर्माण फोरम (एसईआरएफ) का घटक है।


केसीसीआई के एक सदस्य ने कहा, 'वस्तुत: कुछ शरारत की गई है जो व्यापारिक समुदाय में गलत संकेत भेजेगा।' उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन ने केसीसीआई को सूचित किया था कि बैठक के लिए चैंबर के प्रतिनिधियों के नामों की सिफारिश की गई है लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने उन नामों को हटा दिया।

इससे पहले, प्रधानमंत्री सियाचिन में तैनात सैनिकों के बीच दिवाली बिताने के लिए सियाचिन ग्लेशियर गए। सियाचिन दुनिया का सर्वोच्च रणक्षेत्र है।

हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान उमर ने उन्हें जम्मू कश्मीर के पुनर्निर्माण और बाढ़ प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की बड़ी चुनौती के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने ठंड का मौसम आने के मद्देनजर लोगों की समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान नहीं किए जाने पर उन्हें होने वाली कठिनाइयों का मुद्दा भी उठाया।

उमर ने राज्य के लद्दाख और कश्मीर क्षेत्र में दिवाली बिताने के भाव प्रदर्शन के लिए मोदी का शुक्रिया अदा किया।

नसीर असलम और देवेंद्र राणा के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीमा पार से गोलाबारी के कारण जम्मू क्षेत्र में लोगों को हो रही समस्याओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने गोलाबारी के कारण लोगों के मकानों और फसलों को हुई क्षति के मद्देनजर पर्याप्त मुआवजे की मांग की। असलम और राणा पार्टी की क्रमश: कश्मीर और जम्मू इकाइयों के अध्यक्ष हैं।

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