जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ( Omar Abdullah) ने आज भारत पर अफगानिस्तान (Afghanistan) के नए शासकों तालिबान (Taliban) के साथ बातचीत शुरू करने पर कटाक्ष किया. उन्होंने पड़ोस में नए शासन के प्रति केंद्र सरकार के दृष्टिकोण पर स्पष्टता मांगते हुए कहा कि तालिबान को आतंकवादी के रूप में देखा जाए या नहीं. नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से इस मामले पर अपना मन बनाने को कहा. समाचार एजेंसी ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब्दुल्ला ने कहा, "या तो तालिबान एक आतंकवादी संगठन है या नहीं. कृपया हमें स्पष्ट करें कि आप उन्हें कैसे देखते हैं.
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अब्दुल्ला ने कहा, "यदि वे एक आतंकवादी समूह हैं तो आप उनसे बात क्यों कर रहे हैं? यदि नहीं तो क्या आप संयुक्त राष्ट्र में चले जाएंगे और उन्हें एक आतंकवादी संगठन के रूप में हटा दिया जाएगा?
पूर्व मुख्यमंत्री की टिप्पणी भारत द्वारा कथित तौर पर अफगानिस्तान के नए शासकों के प्रतिनिधियों के साथ औपचारिक राजनयिक वार्ता शुरू करने के एक दिन बाद आई है. कतर में भारत के दूत दीपक मित्तल ने दोहा में भारतीय दूतावास में तालिबान के प्रमुख राजनयिक शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई से मुलाकात की थी.
तालिबान आतंकवादियों ने पिछले हफ्ते अफगानिस्तान से अमेरिकी नेतृत्व वाले सुरक्षा बलों की वापसी के बाद संघर्ष प्रभावित देश में सत्ता संभाली थी. भारी कमी पर टिप्पणी करते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट किया था कि मुझे अमेरिका के अफगानिस्तान से जाने से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन यह जाने का तरीका नहीं था.
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