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This Article is From Sep 01, 2021

चीन, पाकिस्तान और तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान का संभावित गठजोड़ चिंता का विषय : चिदंबरम

भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें मांग की गई कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकी देने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

चीन, पाकिस्तान और तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान का संभावित गठजोड़ चिंता का विषय : चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा, सरकार अफगानिस्तान पर यूएनएससी द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव पर अपने आप को बधाई दे रही है
नई दिल्‍ली:

Afghanistan crisis:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव पारित करने पर हमारा खुद को बधाई देना जल्दबाजी है और आगाह किया कि चीन, पाकिस्तान और तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान का संभावित गठजोड़ चिंता का विषय है. भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने एक सुदृढ़ प्रस्ताव पारित किया जिसमें मांग की गई कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकी देने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. प्रस्ताव में उम्मीद की गई है कि तालिबान अफगानों और सभी विदेशी नागरिकों के देश से सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से जाने देने के संबंध में उसके द्वारा जताई गई प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा.

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इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार अफगानिस्तान पर यूएनएससी द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव पर अपने आप को बधाई दे रही है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्रस्ताव' के दो अर्थ हैं. पहला यह है कि मुद्दा ‘हल' कर लिया गया है या भारत की संतुष्टि के लिए निपटा दिया गया है. यूएनएससी में यह नहीं हुआ. दूसरा अर्थ यह है कि हमने अपनी इच्छाओं को कागज पर लिख दिया है और उस कागज पर कुछ अन्य के हस्ताक्षर करा लिए हैं. यूएनएससी में कल यही हुआ.''चिदंबरम ने कहा कि अपने आप को बधाई देना बहुत जल्दबाजी है. उन्होंने आगाह किया कि चीन, पाकिस्तान और तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान का संभावित गठजोड़ चिंता का विषय है.

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गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद ने सोमवार को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका प्रायोजित प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिसके पक्ष में परिषद के 15 में से 13 सदस्यों ने वोट दिया जबकि विपक्ष में किसी ने भी नहीं. रूस और चीन जैसे सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों ने हालांकि मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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