कोरापुट/भुवनेश्वर:
सत्तारूढ़ बीजद के विधायक झीना हिकाका को बंधक बनाने वाले माओवादियों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए समयसीमा 18 अप्रैल तक बढ़ा दी है। माओवादियों की आंध्र-ओडिशा सीमा विशेष क्षेत्रीय समिति (एओबीएसजेडसी) के एक नेता ने अपने संदेश में 29 नक्सलियों की रिहाई के लिए 18 अप्रैल को शाम पांच बजे तक की नई समयसीमा दी है। माओवादियों के लिए मामले लड़ने वाले कोरापुट के वकील निहार रंजन पटनायक ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आदिवासी विधायक हिकाका को छोड़ने के लिए पहले 30 कैदियों की रिहाई की मांग करने वाले माओवादियों ने सूची से चेंदा भूषणम उर्फ घासी का नाम हटा दिया है, जो कम से कम 55 पुलिसकर्मियों को मारने का आरोपी है। घासी की रिहाई की मांग पर पुलिस बल तथा ओडिशा पुलिस संघ समेत अनेक संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था।
संगठनों ने धमकी दी थी कि यदि 37 वर्षीय विधायक की रिहाई के लिए उसके जैसे कट्टरपंथी माओवादी को रिहा किया जाता है, तो वे नक्सल रोधी अभियानों का बहिष्कार करेंगे। अपहर्ता कैदियों के बदले विधायक को रिहा करने की अपनी शर्तों पर अड़े हैं। पटनायक के अनुसार उन्होंने मांग की है कि हिकाका की रिहाई के लिए छोड़े गए 29 विद्रोहियों के साथ उनकी पत्नी कौशल्या और वकील भी साथ आएं।
उन्होंने कहा कि आदिवासी विधायक हिकाका को छोड़ने के लिए पहले 30 कैदियों की रिहाई की मांग करने वाले माओवादियों ने सूची से चेंदा भूषणम उर्फ घासी का नाम हटा दिया है, जो कम से कम 55 पुलिसकर्मियों को मारने का आरोपी है। घासी की रिहाई की मांग पर पुलिस बल तथा ओडिशा पुलिस संघ समेत अनेक संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था।
संगठनों ने धमकी दी थी कि यदि 37 वर्षीय विधायक की रिहाई के लिए उसके जैसे कट्टरपंथी माओवादी को रिहा किया जाता है, तो वे नक्सल रोधी अभियानों का बहिष्कार करेंगे। अपहर्ता कैदियों के बदले विधायक को रिहा करने की अपनी शर्तों पर अड़े हैं। पटनायक के अनुसार उन्होंने मांग की है कि हिकाका की रिहाई के लिए छोड़े गए 29 विद्रोहियों के साथ उनकी पत्नी कौशल्या और वकील भी साथ आएं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं