चेन्नई:
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से आग्रह किया कि कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना का काम तब तक रोक दिया जाए जब तक इलाके के लोगों की इस संबंध में आशंका खत्म नही हो जाती। इलाके में 100 से अधिक लोग इस परियोजना के खिलाफ अनशन कर रहे हैं और उनके अनशन को आज नौ दिन हो गए। जया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पीछे भाग रही है। ऑल इंडिया अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जया ने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा है कि परियोजना का काम लोगों की चिंताओं से जुड़े मुद्दों का समाधान होने तक आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। परियोजना के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच जयललिता ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखने से तीन दिन पहले कहा था कि भारत-रूस संयुक्त उपक्रम से जुड़ी यह परियोजना सुरक्षा मानदंडो के मुताबिक है और प्रदर्शनकारियों को अपना अनशन खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि संयंत्र सुनामी के मद्देनजर भी महफूज है और यह उस इलाके में है, जहां भूकंप का ज्यादा खतरा नहीं है। तमिलनाडु के कुडनकुलम जिले की इस परियोजना के संदर्भ में जयललिता ने प्रधानमंत्री से कहा कि यह मुद्दा स्थानीय लोगों के बीच एक तरह का डर पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा, मैं आपसे :प्रधानमंत्री: से आग्रह करती हूं कि संबंधित अधिकारियों को उचित आदेश जारी करें ताकि परियोजना पर आगे रोक दिया जाए जब तक कि इस मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता। वह आगे कहती हैं, यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट रहा है। प्रधानमंत्री को यहां एक उच्च स्तरीय दल भेजकर लोगों के बीच डर और गलतफहमियों को दूर करना चाहिए था। जयललिता ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि केंद्र सरकार से कोई संबंधित मंत्री अथवा उच्च अधिकारी ने यहां का दौरा नहीं किया। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन पर निशाना साधते हुए जयललिता ने कहा कि यह सामान्य बात थी कि इस राज्य से ताल्लुक रखने वाली केंद्रीय मंत्री यहां का दौरा करतीं। उधर, जयंती नटराजन ने कहा कि उनके मंत्रालय का इससे कोई लेनादेना नहीं और यह मामला परमाणु ऊर्जा आयोग के अंतर्गत आता है।
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