विज्ञापन
This Article is From Jun 03, 2019

मोदी सरकार का बड़ा फैसला: अजीत डोभाल दोबारा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त, कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला

मोदी सरकार ने यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए लिया है. उनकी यह नियुक्ति पांच वर्षों के लिए होगी.

मोदी सरकार का बड़ा फैसला: अजीत डोभाल दोबारा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त, कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल.
नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी सरकार ने अजीत डोभाल को एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है. इतना ही नहीं इस बार मोदी सरकार ने अजित डोभाल को केंद्रीय मंत्री का दर्जा भी दिया है. मोदी सरकार ने यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए लिया है. उनकी यह नियुक्ति पांच वर्षों के लिए होगी. बता दें कि अजित डोभाल पीएम मोदी की पिछली सरकार में भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे. गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) के बेटे शौर्य डोभाल को कुछ महीने पहले ही 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा (Z Category Security) दी गई थी. अधिकारियों ने बताया कि उन्हें संभावित खतरों को देखते हुए 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा (Z Category Security)  दी गई.

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा तैयार सुरक्षा आकलन रिपोर्ट के बाद शौर्य डोभाल को केंद्रीय अर्धसैनिक बल के 'मोबाइल सुरक्षा कवर' के तहत लाया गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उन्हें उनके पिता और अन्य लोगों के विरोधियों से खतरा है. अजीत डोभाल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है. अजीत डोभाल को करीब चार साल पहले इस सुरक्षा कवर के तहत लाया गया था.

 

गौरतलब है कि डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ कई बड़े आरोपियों के प्रत्यर्पण में भी बड़ी भूमिका निभाई थी. बताया जाता है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर (AgustaWestland)सौदेबाजी मामले के बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल  (Christian Michel) को अगर भारत लाया जा सका था तो इसके पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) और उनकी टीम की मेहनत थी. दरअसल, डोभाल और उनकी टीम बीते लंबे समय से यूएई सरकार से संपर्क में थी. हालांकि इन सब के बाद भी मिशेल (Christian Michel) को भारत लेकर आना एक मुश्किल भरा काम था. इसकी एक मुख्य वजह थी कि मिशले का ब्रिटेन का नागरिक होना. ऐसे में उनका किसी दूसरे देश से प्रत्यर्पण (Christian Michel Extradition) कराना भारत के लिए एक चुनौती की तरह था. एनडीटीवी को मिली जानकारी अनुसार अजीत डोभाल (Ajit Doval)  ने करीब एक साल पहले ही मिशेल के प्रत्यर्पण के लिए एक क्रैक टीम बनाई थी. इस टीम में सीबीआई (CBI) के ज्वाइंट डायरेक्टर साई मनोहर कुल चार सदस्य शामिल थे. इस टीम में सीबीआई के अलावा रॉ के भी अधिकारी शामिल थे. बता दें कि ऐसा माना जाता है कि 2016 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे भी अजीत डोभाल की ही योजना थी.

यह भी पढ़ें: क्रिश्चयन मिशेल के भारत लाने से नहीं बढ़ेगी कांग्रेस की मुश्किलें:  के टी एस तुलसी

टीम के लिए उस समय मुश्किल खड़ी हो गई थी जब मिशेल के वकील में दुबई की कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखते हुए कहा कि मिशेल एक ब्रिटिश नागरिक हैं और उन्हें किसी तीसरे देश से भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता था. लेकिन पिछले साल सितंबर में कोर्ट ने मिशेल के सभी दावों को खारिज करते हुए कहा था कि ऐसा किया जा सकता है. अजीत डोभाल के अलावा विदेश मंत्रालय ने भी इस प्रत्यर्पण में अहम भूमिका निभाई थी. एनडीटीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार को मिशेल के प्रत्यर्पण की जानकारी पिछले सप्ताह ही दे दी गई थी. भारत को पहले ही पता था कि उसे 4 दिसंबर को भारत लाया जाएगा.

यह भी पढ़ें: अगस्ता-वेस्टलैंड मामले में हो सकते हैं बड़े खुलासे? 

प्रत्यर्पण को लेकर दुबई की कोर्ट ने 19 नवंबर को आदेश जारी कर दिया था लेकिन पूरा मामला यूएई सरकार की मंजूरी को लेकर रुका था. और यहीं पर भारत और यूएई के बीच बीते साल डेढ़ साल में मजबूत हुए रिश्ते का फायदा भारत को मिला था. मिशेल के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने यूएई सरकार पर दवाब डाला. प्रत्यर्पण से तीन महीनें पहले भारतीय एजेंसियों ने दुबई को सूचना दी कि किस तरह से मिशेल भागने की तैयारी में है और  क्सल कैप और सलवार कमीज पहनकर एजेंसियों को धोखा दे सकता है. इस पूरे मामले में सुषमा स्वराज का यूएई दौरा भी एक अहम कड़ी की तरह था. हालांकि इससे पहले ही कोर्ट ने प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी लेकिन राजनयिक दवाब के बाद ये काम जल्दी हो गया.

यह भी पढ़ें: गुस्ता वेस्टलैंड विवाद, एक आरोपी को लेकर भ्रम

बता दें कि अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील मामले में भारत की जांच एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली थी. कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को देर रात एक प्राइवेट प्लेन में दुबई से भारत लाया गया था. देर रात उससे CBI मुख्यालय में पूछताछ भी की गई. इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत (CBI Special Court) में पेश किया गया, जहां से उसे 5 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया था. सीबीआई ने कोर्ट से 14 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ 5 दिन की हिरासत की मंजूरी दी.

VIDEO: क्रिश्चयन मिशेल पांच दिन की सीबीआई रिमांड पर.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com