
उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ब्राह्मणों को आकर्षित करने के लिए प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन और अब शिव सेवक सम्मेलन की श्रृंखला में दलितों को प्रभावित करने के लिए ''गांव-गांव,दलित संवाद'' की शुरुआत करने जा रही है. सपा मुख्यालय से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार समाजवादी लोहिया वाहिनी विभिन्न जिलों में 19 सितम्बर 2021 से ''गांव-गांव दलित संवाद'' कार्यक्रम शुरू करेगी.सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने शुक्रवार को बताया, '' समाजवादी लोहिया वाहिनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार की जनविरोधी, किसान विरोधी, दलित-पिछड़ा विरोधी, आरक्षण विरोधी नीतियों को उजागर करने एवं समाजवादी विचारधारा, कार्यों एवं नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिये जन संवाद कार्यक्रम कर रही है.'' उन्होंने कहा, '' 2022 में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिये ‘लोहिया वाहिनी करे संवाद, आएगा फिर से समाजवाद‘ नारे के साथ लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राम करन निर्मल 19 सितम्बर से 27 सितम्बर 2021 तक कानपुर, औरैया, कन्नौज, फर्रूखाबाद, मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद, आगरा और मथुरा में ''गांव-गांव दलित संवाद'' कार्यक्रम में शामिल होंगे.
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उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में समाजवादी शिक्षक सभा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सदस्य विधान परिषद डॉक्टर मान सिंह यादव विभिन्न जिलों में बुधवार को शिक्षकों की भूमिका-‘संवाद से समाधान की ओर‘ कार्यक्रम में शामिल होंगे. चौधरी के अनुसार सात चरणों का यह कार्यक्रम प्रथम चरण में 22 सितम्बर 2021 को प्रयागराज से शुरू होकर अंतिम चरण पांच दिसम्बर 2021 को लखनऊ में समाप्त होगा. समाजवादी शिक्षक सभा बूथ स्तर पर शिक्षकों को जोड़कर समाजवादी सरकार बनाने के लिए संवाद कार्यक्रम कर रही है.
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी ने 23 अगस्त को बलिया से प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की शुरुआत छोटे लोहिया कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री जनेश्वर मिश्र के गांव से की और उसने बलिया से ही शिव सेवक सम्मेलन की भी शुरुआत की.
राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी भी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों की श्रृंखला चला रही है जबकि बहुजन समाज पार्टी ने सबसे पहले 23 जुलाई को अयोध्या से प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की शुरुआत की जिसके पहले चरण का समापन सात सितंबर को लखनऊ में हुआ. इस सम्मेलन में बसपा प्रमुख मायावती ने दलित-ब्राह्मण एकता के जरिये 2022 में बसपा की सरकार बनाने का आह्वान किया था. समाजवादी पार्टी ने अनुसूचित वर्ग के मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ बनाने के लिए अब ''''गांव-गांव दलित संवाद'' कार्यक्रम पर जोर दिया है.
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