
सारा जोसेफ (फाइल फोटो)
त्रिसूर:
त्रिसूर की रहने वाली जानी मानी लेखिका सारह जोसेफ ने अब साहित्य अकादमी एवार्ड को लौटाने का फैसला कर लिया है। साल 2003 में मिले इस पुरस्कार को लौटाने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, 'मौजूदा सरकार में भय का वातावरण बढ़ता जा रहा है और आजादी क्षीण होती जा रही है।'
प्रसिद्ध लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या और यूपी के दादरी में 50 वर्षीय व्यक्ति की भीड़ द्वारा की गई हत्या की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, 'लेखकों की हत्या हो रही है... लोग मारे जा रहे हैं... गज़ल गायकों को कॉन्सर्ट की इजाजत नहीं मिल रही। यह वो स्वतंत्र भारत नहीं, जिसमें मैं रहा करती थी।'
देशों में 'बढ़ती असहिष्णुता' की निंदा करते हुए हाल के हफ्तों में पुरस्कार लौटाने या इस्तीफा देने वाले लेखकों और कवियों की फेहरिस्त में अब जोसेफ का नाम भी जुड़ गया है।
इससे पहले प्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल और कवि अशोक वाजपेयी ने 'जीवन और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले' का हवाला देते हुए अपने सम्मान लौटा दिए थे, वहीं जानी मानी लेखिका शशि देशपांडे ने शुक्रवार को साहित्य अकादमी की आम परिषद से इस्तीफा दे दिया।
प्रसिद्ध लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या और यूपी के दादरी में 50 वर्षीय व्यक्ति की भीड़ द्वारा की गई हत्या की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, 'लेखकों की हत्या हो रही है... लोग मारे जा रहे हैं... गज़ल गायकों को कॉन्सर्ट की इजाजत नहीं मिल रही। यह वो स्वतंत्र भारत नहीं, जिसमें मैं रहा करती थी।'
देशों में 'बढ़ती असहिष्णुता' की निंदा करते हुए हाल के हफ्तों में पुरस्कार लौटाने या इस्तीफा देने वाले लेखकों और कवियों की फेहरिस्त में अब जोसेफ का नाम भी जुड़ गया है।
इससे पहले प्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल और कवि अशोक वाजपेयी ने 'जीवन और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले' का हवाला देते हुए अपने सम्मान लौटा दिए थे, वहीं जानी मानी लेखिका शशि देशपांडे ने शुक्रवार को साहित्य अकादमी की आम परिषद से इस्तीफा दे दिया।
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