केंद्र सरकार के लिए अच्छी ख़बर नहीं है. अब उनके सहयोगी ख़ासकर जनता दल यूनाइटेड भी कश्मीर नीति पर न केवल उनकी आलोचना कर रहा है बल्कि जल्द से जल्द आम नागरिक की सुविधा के लिए सभी सेवाओं को बहाल करने की मांग की है.जनता दल यूनाइटेड ने केंद्र सरकार की यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जम्मू कश्मीर मंत्री के दौरा पर ले जाने को विरोधाभासी कहा है. जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व राजनयिक पवन वर्मा ने कहा कि एक ओर तो आप अपने सांसदों को वहां जाने की अनुमति नहीं देते दूसरी ओर यूरोपीय यूनियन के सांसदों को ले जाया जा रहा है. जो वर्मा के अनुसार जम्मू कश्मीर की अंतरराष्ट्रीयकरण न करने की हमारी नीति के ख़िलाफ़ है पवन वर्मा ने यह भी कहा कि अगर ये सांसद निजी तौर पर आए हैं उनका चयन किसने और कैसे किया और क्या यही सही समय था.
जनता दल यूनाइटेड ने इंटरनेट सेवा शुरू करने के अलावा नज़रबंद विपक्ष के नेताओं को भी रिहा करने की मांग की है. निश्चित रूप से जनता दल यूनाइटेड का यह स्टैंड केंद्र सरकार के लिए अच्छी ख़बर नहीं है क्योंकि वो न केवल उनकी सहयोगी है बल्कि एनडीए में शामिल पहला राजनीतिक दल है जिसने मुखर होकर यूरोपीय यूनियन के सांसदों की यात्रा पर केंद्र सरकार की आलोचना की है.
हालांकि जब केंद्र सरकार ने धारा 370 ख़त्म करने का संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव लाया था तब भी जनता दल यूनाइटेड ने यह कह कर विरोध किया थे कि ये उनकी पार्टी की नीति के ख़िलाफ़ है. लेकिन बाद में जब उसे इस बात का आभास हुआ कि जनता का रुख इस मुद्दे पर भाजपा के साथ है तब पार्टी के नेताओं ने कहा कि अब ये पारित हो गया हैं तब वे केंद्र के साथ हैं. लेकिन दो राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद जिससे इस बात की पुष्टि हुई कि बीजेपी का ये मुद्दा वोटर पर ज़्यादा नहीं चला तो पार्टी ने अपना स्टैंड फिर साफ़ किया.
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