![अब बांग्ला कवयित्री मंदाक्रांता सेन ने भी लौटाया साहित्य अकादमी पुरस्कार अब बांग्ला कवयित्री मंदाक्रांता सेन ने भी लौटाया साहित्य अकादमी पुरस्कार](https://i.ndtvimg.com/i/2015-10/mandakranta-sen-ndtv-650x488_650x488_61444810700.jpg?downsize=773:435)
कोलकाता:
पिछले कुछ दिनों में कई चर्चित और सम्मानित साहित्यकारों ने देश में बढ़ती सांप्रदायिकता को लेकर विरोध जताने के उद्देश्य से उन्हें दिए सम्मान लौटाए हैं, और बुधवार को इसी कड़ी में चर्चित बांग्ला कवयित्री मंदाक्रांता सेन (Mandakranta Sen) भी जुड़ गईं, जब उन्होंने समाज में बढ़ती असहिष्णुता एवं सांप्रदायिकता के विरोध में अपना साहित्य अकादमी युवा लेखक विशेष पुरस्कार लौटा दिया।
बांग्ला काव्य में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2004 में दिए गए स्वर्णजयंती विशेष साहित्य अकादमी युवा रचनाकार पुरस्कार (Swarnajayanti Special Sahitya Akademi Young Writers award) को लौटाते हुए मंदाक्रांता ने कहा कि पुरस्कार लौटाने के निर्णय का मुख्य कारण उत्तर प्रदेश के दादरी में गोमांस खाने की अफवाह के बाद एक व्यक्ति की पीट-पीटकर की गई हत्या और देशभर में लेखकों पर हो रहे हमले हैं।
गौरतलब है कि साहित्य अकादमी पुरस्कार के अतिरिक्त आनंद पुरस्कार तथा कृतिवास पुरस्कार से सम्मानित तथा बांग्ला भाषा में सात उन्यास एवं 22 कविता संकलन रच चुकीं मंदाक्रांता से पहले उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा जिले में दादरी इलाके के एक गांव बिसहाड़ा में भीड़ द्वारा की गई मोहम्मद अखलाक की हत्या के बाद से अब तक इसके विरोध में करीब 20-22 लेखक-साहित्यकार पुरस्कार लौटा चुके हैं।
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रुश्दी ने किया लेखकों का समर्थन, 12 और साहित्यकारों ने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया
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बांग्ला काव्य में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2004 में दिए गए स्वर्णजयंती विशेष साहित्य अकादमी युवा रचनाकार पुरस्कार (Swarnajayanti Special Sahitya Akademi Young Writers award) को लौटाते हुए मंदाक्रांता ने कहा कि पुरस्कार लौटाने के निर्णय का मुख्य कारण उत्तर प्रदेश के दादरी में गोमांस खाने की अफवाह के बाद एक व्यक्ति की पीट-पीटकर की गई हत्या और देशभर में लेखकों पर हो रहे हमले हैं।
गौरतलब है कि साहित्य अकादमी पुरस्कार के अतिरिक्त आनंद पुरस्कार तथा कृतिवास पुरस्कार से सम्मानित तथा बांग्ला भाषा में सात उन्यास एवं 22 कविता संकलन रच चुकीं मंदाक्रांता से पहले उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा जिले में दादरी इलाके के एक गांव बिसहाड़ा में भीड़ द्वारा की गई मोहम्मद अखलाक की हत्या के बाद से अब तक इसके विरोध में करीब 20-22 लेखक-साहित्यकार पुरस्कार लौटा चुके हैं।
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