नई दिल्ली:
नोटबंदी से व्यापारी वर्ग हताश है. नकदी संकट के चलते निर्यात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. कपड़ा के कारोबारी अक्षय करन ने अपने कारखाने में कई जतन किए कि 200 कामगारों के बैंक खाते तक खुलवाए लेकिन नकदी का संकट अब भी उन्हें तंग कर रहा है. अक्षय ने एनडीटीवी से कहा, "करंट अकाउंट से 50000 रुपया तक निकालने की सीमा को तत्काल बढ़ाकर कम से कम 5 लाख किया जाए. हमें और कैश की सख्त ज़रूरत है".
अक्षय के मुताबिक सबसे ज़्यादा संकट बुनियादी सामान की खरीद का है. अक्षय कहते हैं, "कई छोटे-छोटे खर्च होते हैं. सुई से लेकर धागा तक खरीदना होता है. उसके लिए कैश की ज़रूरत होती है".
अक्षय करन जैसे और भी कारोबारी ऐसी ही मुश्किलों से जूझ रहे हैं. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइज़ेशन के सीईओ ने एनडीटीवी को बताया कि संकट का दायरा बड़ा है.
अजय सहाय ने एनडीटीवी से कहा, "लेदर एक्सपोर्ट सेक्टर में स्किन जैसे प्राइमरी मेटिरियल की सप्लाई प्रभावित हुई है क्योंकि ग्रामीण इलाकों में जानवरों (कैटल) की खरीद कैश में होती है और सप्लायर कैश की कमी की वजह से कम माल भेज पा रहे हैं."
यही हाल हस्तशिल्प क्षेत्र का है. बुनकर परेशान हैं. मज़दूरों को देने के लिए पैसा पूरा नहीं पड़ रहा. नतीजा ये है कि हस्तशिल्प क्षेत्र के निर्यातकों को भी सप्लाई कम मिल रही है. इस चेन रिएक्शन को रोकने के लिए सरकार ने जल्द पहल नहीं की तो आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियां और बढ़ेंगी.
अक्षय के मुताबिक सबसे ज़्यादा संकट बुनियादी सामान की खरीद का है. अक्षय कहते हैं, "कई छोटे-छोटे खर्च होते हैं. सुई से लेकर धागा तक खरीदना होता है. उसके लिए कैश की ज़रूरत होती है".
अक्षय करन जैसे और भी कारोबारी ऐसी ही मुश्किलों से जूझ रहे हैं. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइज़ेशन के सीईओ ने एनडीटीवी को बताया कि संकट का दायरा बड़ा है.
अजय सहाय ने एनडीटीवी से कहा, "लेदर एक्सपोर्ट सेक्टर में स्किन जैसे प्राइमरी मेटिरियल की सप्लाई प्रभावित हुई है क्योंकि ग्रामीण इलाकों में जानवरों (कैटल) की खरीद कैश में होती है और सप्लायर कैश की कमी की वजह से कम माल भेज पा रहे हैं."
यही हाल हस्तशिल्प क्षेत्र का है. बुनकर परेशान हैं. मज़दूरों को देने के लिए पैसा पूरा नहीं पड़ रहा. नतीजा ये है कि हस्तशिल्प क्षेत्र के निर्यातकों को भी सप्लाई कम मिल रही है. इस चेन रिएक्शन को रोकने के लिए सरकार ने जल्द पहल नहीं की तो आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियां और बढ़ेंगी.
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