सुप्रीम कोर्ट में आज नोटा पर सुनवाई (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट आज यानी गुरुवार को गुजरात राज्यसभा में NOTA यानी None of the Above के इस्तेमाल के ख़िलाफ़ गुजरात कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करेगा. गुजरात कांग्रेस की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि NOTA का प्रावधान संविधान में नहीं है और न ही कोई क़ानून है. यह भी कहा गया है कि यह सिर्फ़ चुनाव आयोग का सर्कुलर है. ऐसे में ये NOTA जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 का उल्लंघन करता है.
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याचिका में मांग की गई है कि ऐसे में सुप्रीम कोर्ट NOTA के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए इसे रद्द करे और असंवैधानिक करार दे. गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए 8 अगस्त को चुनाव होने हैं. याचिका में चुनाव आयोग, केंद्र सरकार, गुजरात विधानसभा सचिव को पक्षकार बनाया गया है.
वीडियो- सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नोटा का मामला
कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी चुनाव आयोग का रुखकर गुजरात में आगामी राज्य सभा चुनाव में 'नोटा' का विकल्प हटाने की मांग की है. भाजपा ने चुनाव आयोग को सौंपे एक ज्ञापन में कहा है, "यह कहा गया कि आगामी चुनाव में नोटा का इस्तेमाल राजनीतिक पार्टियों के बीच चर्चा का एक मुद्दा बन गया है और इसलिए, राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल से पहले एक उपयुक्त आम राय बनाई जानी चाहिए." केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि चूंकि राज्यसभा चुनाव में मतदान में कोई गोपनीयता नहीं है इसलिए नोटा का कोई उद्देश्य नहीं है.
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दरअसल सितंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि सभी चुनावों में नोटा लागू किया जाए. सितंबतर 2014 में यूपीए सरकार के वक्त लागू किया गया था.
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याचिका में मांग की गई है कि ऐसे में सुप्रीम कोर्ट NOTA के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए इसे रद्द करे और असंवैधानिक करार दे. गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए 8 अगस्त को चुनाव होने हैं. याचिका में चुनाव आयोग, केंद्र सरकार, गुजरात विधानसभा सचिव को पक्षकार बनाया गया है.
वीडियो- सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नोटा का मामला
कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी चुनाव आयोग का रुखकर गुजरात में आगामी राज्य सभा चुनाव में 'नोटा' का विकल्प हटाने की मांग की है. भाजपा ने चुनाव आयोग को सौंपे एक ज्ञापन में कहा है, "यह कहा गया कि आगामी चुनाव में नोटा का इस्तेमाल राजनीतिक पार्टियों के बीच चर्चा का एक मुद्दा बन गया है और इसलिए, राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल से पहले एक उपयुक्त आम राय बनाई जानी चाहिए." केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि चूंकि राज्यसभा चुनाव में मतदान में कोई गोपनीयता नहीं है इसलिए नोटा का कोई उद्देश्य नहीं है.
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दरअसल सितंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि सभी चुनावों में नोटा लागू किया जाए. सितंबतर 2014 में यूपीए सरकार के वक्त लागू किया गया था.
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