विज्ञापन
This Article is From Sep 05, 2021

RSS ने पांचजन्य में प्रकाशित लेख से किया किनारा, Infosys के लिए कह दी ये बात

आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने कहा कि एक भारतीय कंपनी के रूप में, भारत की प्रगति में इंफोसिस का महत्वपूर्ण योगदान है.

RSS ने पांचजन्य में प्रकाशित लेख से किया किनारा, Infosys के लिए कह दी ये बात
इंफोसिस द्वारा स्थापित एक नया आयकर पोर्टल गड़बड़ियों का सामना कर रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

भाजपा के वैचारिक संरक्षक आरएसएस ने अपने मुखपत्र पांचजन्य में प्रकाशित लेख से खुद को दूर कर लिया है, जिसमें सवाल किया गया था कि क्या सूचना प्रौद्योगिकी की दिग्गज कंपनी इंफोसिस लिमिटेड द्वारा संचालित भारत की टैक्स-फाइलिंग वेबसाइटों पर गड़बड़ियों के पीछे "राष्ट्र-विरोधी" साजिश हो सकती है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र के नवीनतम संस्करण में, नारायण मूर्ति द्वारा स्थापित बेंगलुरु स्थित फर्म पर चार पृष्ठ की कवर स्टोरी में पूछा गया था कि क्या "राष्ट्र-विरोधी शक्ति इसके माध्यम से भारत के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाने की कोशिश कर रही है".

आज, आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने ट्वीट किया कि लेख में व्यक्त विचार संगठन के नहीं बल्कि लेखक के हैं.

आंबेकर ने कहा "एक भारतीय कंपनी के रूप में, भारत की प्रगति में इंफोसिस का महत्वपूर्ण योगदान है. इन्फोसिस द्वारा संचालित पोर्टल के संबंध में कुछ मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन पांचजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह पांचजन्य के विचार नहीं हैं''.

उन्होंने कहा, इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेख में व्यक्त विचारों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.

 

पिछले महीने, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख के साथ बैठक में कंपनी द्वारा स्थापित नए आयकर पोर्टल में लगातार गड़बड़ियों पर "गहरी निराशा" व्यक्त की और सभी मुद्दों को हल करने के लिए उन्हें 15 सितंबर तक का समय दिया था.

लगातार दो दिनों तक पोर्टल बंद रहने के बाद इन्फोसिस के सीईओ को तलब किया गया था. वित्त मंत्री ने वेबसाइट लॉन्च होने के ढाई महीने बाद भी जारी गड़बड़ियों के बारे में सरकार और करदाताओं की चिंताओं को रेखांकित किया था. सीतारमण ने करदाताओं को बार-बार आ रही दिक्कतों पर इंफोसिस से स्पष्टीकरण मांगा.

पांचजन्य के लेख में कहा गया है कि इंफोसिस द्वारा विकसित जीएसटी और आयकर रिटर्न वेबसाइटों में गड़बड़ियों के कारण, "देश की अर्थव्यवस्था में करदाताओं के विश्वास को चोट लगी है. क्या इंफोसिस के माध्यम से राष्ट्र विरोधी ताकतें भारत के आर्थिक हितों को ठेस पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं?"

समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि लेख में कहा गया है कि हालांकि, इसके सिद्धांतों का समर्थन करने के लिए सबूत नहीं हैं, लेकिन कथित इंफोसिस पर अतीत में "नक्सलियों, वामपंथियों और टुकड़े-टुकड़े गिरोहों" की मदद करने का आरोप लगाया गया है.

पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि इंफोसिस एक बड़ी फर्म है और यह अपनी विश्वसनीयता के कारण सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को संभाल रही है. शंकर ने कहा, "इन टैक्स पोर्टलों में गड़बड़ियां राष्ट्रीय चिंता का विषय हैं और जो इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com