अपनी पार्टी में आयकर और कुछ अन्य करों को खत्म करने की हो रही बात के बीच वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि देश के संघीय ढांचे को देखते हुए इस तरह के प्रस्ताव को कार्यान्वित करना आसान नहीं होगा।
जेटली ने कहा, '..वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में संघवाद केंद्रबिंदु में है, जब हम एक बिन्दु पर कर एकत्र करना शुरू करते हैं तो केंद्र के लिए राज्यों को यह समझाना मुश्किल होगा कि इससे कर संग्रह में वृद्धि होगी और उनके अधिकारों को नुकसान नहीं होगा।'
उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर चर्चा को राज्यों तक ले जाने की आवश्यकता है क्योंकि देश में वर्तमान माहौल गठबंधन राजनीति का है और 'राज्यों को केंद्र पर भरोसा नहीं है।'
जेटली इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया द्वारा 'भारत में कर कानूनों के सरलीकरण' विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे।
हालांकि, इससे पूर्व भाजपा नेता नितिन गडकरी ने आय, बिक्री और उत्पाद करों को खत्म करने तथा इसकी जगह बैंकों में जमा लेन-देन पर कर लगाए जाने की वकालत की थी और कहा था कि पार्टी इसे लोकसभा चुनावों से पहले जारी होने वाले अपने दृष्टि पत्र में शामिल कर सकती है।
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