नई दिल्ली:
पाकिस्तान में असम हिंसा के बारे में कथित रूप से तैयार किए गए विकृत तस्वीरों के बारे में सबूत तैयार किया जा रहा है और इसे विदेश मंत्री एसएम कृष्णा अगले महीने इस्लामाबाद जाकर पेश करेंगे। इन भड़काऊ चित्रों के कारण पूर्वोत्तर के लोगों का देश के अन्य राज्यों से पलायन शुरू हो गया।
सूत्रों ने सोमवार को कहा कि कृष्णा पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के साथ बातचीत करने 7 सितम्बर को तीन दिन के लिए इस्लामाबाद जाने वाले हैं। दोनों नेताओं की बातचीत दूसरे दौर की वार्ता की समीक्षा पर केंद्रित होगी, जो मुम्बई हमले के बाद लम्बे समय तक अवरुद्ध रहने के बाद पिछले वर्ष के प्रारम्भ में फिर से शुरू हुई थी।
बातचीत में आतंकवाद और कश्मीर सहित सभी द्विपक्षीय मुद्दों को शामिल किया जा सकता है, लेकिन पाकिस्तान स्थित तत्त्वों द्वारा इंटरनेट के विकृत तस्वीरों का उपयोग किए जाने के खुलासे का मुद्दा भी बातचीत के दौरान उठ सकता है। इन चित्रों के प्रसार से पूर्वोत्तर के लोगों का देश के अन्य राज्यों से पलायन शुरू हो गया।
सूत्रों ने कहा कि कृष्णा विकृत चित्रों का यह मुद्दा इस रूप में उठा सकते हैं कि इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि भारत विरोधी दुष्प्रचार में लिप्त तत्त्व पाकिस्तान में लगातार सक्रिय हैं।
बातचीत के दौरान कृष्णा मुम्बई हमले के कथित मास्टरमाइंड हाफिज सईद की गतिविधियों को भी रेखांकित कर सकते हैं, जो लगातार भारत के खिलाफ अभियान छेड़े हुए है।
सूत्रों ने कहा कि इस तरह के भारत विरोधी अभियान सम्वर्धित सम्बंधों के लिए स्वस्थ वातावरण तैयार करने के अनुकूल नहीं हैं।
मोबाइल फोन और फेसबुक के जरिए असम हिंसा के प्रतिक्रिया स्वरूप हमले के धमकी भरे संदेश फैलाए जाने के बाद पिछले सप्ताह कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से हजारों की संख्या में पूर्वोत्तर के लोगों का पलायन हुआ है।
केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि पाकिस्तान स्थित तत्त्वों ने भारत में साम्पद्रायिक तनाव भड़काने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए कृत्रिम चित्रों का प्रसार किया। शिंदे ने इस बारे में पाकिस्तानी आंतरिक मंत्री रहमान मलिक को रविवार को फोन पर अवगत कराया था।
इस्लामाबाद ने हालांकि इन आरोपों को खारिज कर दिया और उसने इसे साबित करने के लिए सबूत मांगे हैं।
सूत्रों ने सोमवार को कहा कि कृष्णा पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के साथ बातचीत करने 7 सितम्बर को तीन दिन के लिए इस्लामाबाद जाने वाले हैं। दोनों नेताओं की बातचीत दूसरे दौर की वार्ता की समीक्षा पर केंद्रित होगी, जो मुम्बई हमले के बाद लम्बे समय तक अवरुद्ध रहने के बाद पिछले वर्ष के प्रारम्भ में फिर से शुरू हुई थी।
बातचीत में आतंकवाद और कश्मीर सहित सभी द्विपक्षीय मुद्दों को शामिल किया जा सकता है, लेकिन पाकिस्तान स्थित तत्त्वों द्वारा इंटरनेट के विकृत तस्वीरों का उपयोग किए जाने के खुलासे का मुद्दा भी बातचीत के दौरान उठ सकता है। इन चित्रों के प्रसार से पूर्वोत्तर के लोगों का देश के अन्य राज्यों से पलायन शुरू हो गया।
सूत्रों ने कहा कि कृष्णा विकृत चित्रों का यह मुद्दा इस रूप में उठा सकते हैं कि इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि भारत विरोधी दुष्प्रचार में लिप्त तत्त्व पाकिस्तान में लगातार सक्रिय हैं।
बातचीत के दौरान कृष्णा मुम्बई हमले के कथित मास्टरमाइंड हाफिज सईद की गतिविधियों को भी रेखांकित कर सकते हैं, जो लगातार भारत के खिलाफ अभियान छेड़े हुए है।
सूत्रों ने कहा कि इस तरह के भारत विरोधी अभियान सम्वर्धित सम्बंधों के लिए स्वस्थ वातावरण तैयार करने के अनुकूल नहीं हैं।
मोबाइल फोन और फेसबुक के जरिए असम हिंसा के प्रतिक्रिया स्वरूप हमले के धमकी भरे संदेश फैलाए जाने के बाद पिछले सप्ताह कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से हजारों की संख्या में पूर्वोत्तर के लोगों का पलायन हुआ है।
केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि पाकिस्तान स्थित तत्त्वों ने भारत में साम्पद्रायिक तनाव भड़काने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए कृत्रिम चित्रों का प्रसार किया। शिंदे ने इस बारे में पाकिस्तानी आंतरिक मंत्री रहमान मलिक को रविवार को फोन पर अवगत कराया था।
इस्लामाबाद ने हालांकि इन आरोपों को खारिज कर दिया और उसने इसे साबित करने के लिए सबूत मांगे हैं।
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