सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 का टीका लेने पर किसी प्रकार के दुष्प्रभाव या चिकित्सा जटिलता होने की स्थिति में बीमा का कोई प्रावधान नहीं है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण पूरी तरह से स्वैच्छिक है.
उन्होंने कहा कि हर टीकाकरण स्थल पर, टीका लगने के बाद किसी तरह की एलर्जी या अन्य दुष्प्रभाव होने की स्थिति में तत्काल मदद या उपचार के लिए ‘एनाफिलेक्सिस' किट उपलब्ध कराने के साथ ही कई अन्य कदम भी उठाए गए हैं. मंत्री ने कहा कि टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) की स्थिति में टीका लेने वाले व्यक्ति को तत्काल प्रबंधन केंद्र रेफर करना और टीकाकरण स्थल पर 30 मिनट के लिए अवलोकन जैसे उपाय किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में एईएफआई (टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव) प्रबंधन की ओर से सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों में नि: शुल्क उपचार प्रदान किया जाता है. कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के संबंध में चौबे ने कहा कि चार फरवरी तक कुल 81 ऐसे मामले सामने आए जो टीका लेने वाले कुल लोगों की संख्या का 0.096 प्रतिशत है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं