यह ख़बर 30 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

'केंद्रीय मंत्रिपरिषद में नहीं होगा डीएमके कोटे से कोई मंत्री'

खास बातें

  • द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणानिधि ने रविवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार में जब भी मंत्रिपरिषद में विस्तार या फेरबदल होगा, उसमें पार्टी के कोटे से कोई भी शामिल नहीं होगा।
चेन्नई:

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणानिधि ने रविवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार में जब भी मंत्रिपरिषद में विस्तार या फेरबदल होगा, उसमें पार्टी के कोटे से कोई भी शामिल नहीं होगा।

यूपीए सरकार के घटक दल डीएमके ने सोमवार को अपनी कार्यकारिणी की आपातकालीन बैठक बुलाई है। डीएमके रिटेल में एफडीआई और डीजल के दामों में इजाफे के मुद्दे पर सरकार का विरोध कर रही है।

पार्टी ने मंत्रिमंडल में अपने मंत्रियों को भेजने से भी इनकार कर दिया है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि यह बैठक डीएमके की रणनीति में बदलाव के लिए हो रही है।

डीएमके सूत्रों का कहना है कि वह राज्य में सत्तारुड़ एआईएडीएमके का और डटकर सामना करने के लिए रणनीति बना रही है इसी को लेकर इस बैठक में बात होगी।

सोमवार से आरंभ हो रही पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक से पहले करूणानिधि ने इस बात से साफ इनकार किया कि उनकी पार्टी कोई भी मंत्री पद स्वीकार करेगी। उन्होंने एक बयान में कहा, "केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कोई भी बदलाव हो, उसमें डीएमके की तरफ से कोई नहीं रहेगा।"

दूरसंचार घोटाले के मद्देनजर डीएमके के ए राजा और दयानिधि मारन ने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था। खाली हुए इन स्थानों की भरपाई के लिए डीएमके की ओर से कोई नाम नहीं दिए गए थे।

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(इनपुट आईएएनएस से भी)