गृह मंत्री अमित शाह भले ही कह रहे हैं कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं हैं, लेकिन उनकी ही सरकार ने संसद में एक-दो बार नहीं, बल्कि नौ बार एनपीआर और एनआरसी के लिंक जोड़े हैं. 8 जुलाई 2014 को तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने राज्यसभा में कांग्रेस सांसद के सवाल के जवाब में कहा था कि एनपीआर की समीक्षा की जा रही है और इसके ज़रिए नागरिकता की स्थिति का वेरिफ़िकेशन किया जाएगा. 15 जुलाई को दोबारा लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान रिजीजू ने अपने इस बयान को दोहराया था. खुद गृहमंत्री अमित शाह राज्यसभा में कह चुके हैं कि NPR एनआरसी की दिशा में पहला क़दम है.
कौनसा दावा कितना सच?
दावा नंबर-1 : NPR और NRC में संबंध नहीं: जावड़ेकर
सच्चाई: सरकार NPR डेटा की मदद से NRC बनाएगी (स्रोत: जुलाई 2014 में संसद में जवाब)
ये तय किया गया है कि NPIR को उसके अंतिम अंज़ाम NRC तक पहुंचाया जाएगा (स्रोत : जुलाई 2015 में संसद में जवाब)
सरकारी नियम: NCIR तैयार करने की पहली कड़ी है NPR
दावा नंबर- 2: NPR के दौरान दस्तावेज़ दिखाने की ज़रूरत नहीं: जावड़ेकर
सच्चाई: सच, लेकिन NRC के लिए नागरिकता के दस्तावेज़ देने होंगे जो NPR का दूसरा चरण है
दावा नंबर-3 : NPR यूपीए के दौरान 2010 में किया गया था, 2015 में अपडेट किया गया.
सच्चाई: सच, लेकिन UPA ने NRC बनाने के लिए NPR के इस्तेमाल से इनकार किया था.
बता दें, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मंगलवार को न्यूज एजेंसी ANI ने कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं आज स्पष्ट रूप से बता रहा हूं कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के बीच कोई संबंध नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में NRC को लेकर अभी चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस पर अभी तक कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है. पीएम मोदी (PM Modi) सही थे, इसे लेकर अब तक न तो मंत्रिमंडल में कोई चर्चा हुई है और न हीं संसद में.
क्या NPR और NRC में है कोई संबंध? गृह मंत्री अमित शाह ने दिया यह जवाब...
अमित शाह (Amit Shah ने कहा कि राजनीति के तहत एनपीआर (NPR) का विरोध हो रहा है. उन्होंने कहा कि मैंने संसद में जो भी कहा था उसमें किसी भी नागरिक की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है. अब लोग नागरिकता कानून को समझना शुरू हो चुके हैं. गृह मंत्री ने कहा कि एनपीआर को लेकर भी ऐसे हालत न बनाए जाएं, इसके लिए मैं पहले ही इंटरव्यू दे रहा हूं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2010 में एनपीआर शुरू कर चुकी है. कार्ड भी बांटे थे. हम उसे ही आगे बढ़ा रहे हैं. मैं देशवासियों से साफ करना चाहता हूं कि एनपीआर का डेटा का एनआरसी के लिए उपयोग नहीं होगा. हमनें एनपीआर के लिए ऐप बनाया है. जो जानकारी आप देंगे उसका सरकार रजिस्टर बनाएगी औऱ उसी के अनुसार सरकार विकास का कार्य करेगी. लोग चाहें तो आधार का नंबर दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि हर दस साल में अंतरराज्य में जनता की उथल-पुथल काफी ज्यादा हो जाती है. इस उथल-पुथल को जाने बगैर राज्यों के विकास की योजना नहीं बनाई जा सकती है. इसके लिए इसकी जरूरत है.
VIDEO: सिटी सेंटर: NPR और NRC पर फैले भ्रम को अमित शाह ने किया दूर
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