छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरियों पर साल भर के लिए रोक

रायपुर:

छत्तीसगढ़ गंभीर आर्थिक संकट के दौर से जूझ रहा है, इसी के चलते सूबे की भाजपा सरकार ने एक बार फिर वित्त विभाग की अनुमति के बगैर नई भर्तियों पर साल भर के लिए रोक लगा दी है। यह रोक लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने वाले सीधी भर्ती के रिक्तियों और अनुकंपा नियुक्ति के पदों को छोड़कर बाकी सभी सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर लगाई गई है।

वित्त विभाग की विशेष सचिव शहला निगार का कहना है कि राज्य सरकार ने पिछले साल दो मई व आठ मई 2014 को परिपत्र जारी कर लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने वाले सीधी भर्ती के रिक्त पदों व अनुकंपा नियुक्ति के पदों को छोड़कर शेष सभी सीधी भर्ती के रिक्त पदों को भरने के पूर्व वित्त विभाग की अनुमति प्राप्त करने के निर्देश जारी किए गए थे।

यह निर्देश आगामी एक साल तक के लिए और प्रभावशील रहेंगे। ऐसी केंद्रीय योजनाएं, जिनके अंतर्गत पद संरचना स्वीकृत है तथा जिन्हें केंद्रीय बजट 2015-16 में समाप्त कर दिया गया है, उन योजनाओं के रिक्त पदों पर यदि भर्ती की अनुमति पूर्व में दी गई है, लेकिन अभी तक भर्ती नहीं की गई है तो ऐसे रिक्त पदों को भरने की अनुमति भी फिर से वित्त विभाग से लेनी पड़ेगी।

विभागों को नई भर्ती के ऐसे प्रस्ताव वित्त विभाग में भेजते समय इन पदों की पूर्ति पर आने वाले सालाना वित्तीय भार और पदों की पूर्ति की आवश्यकता का औचित्य भी बताना होगा। वित्त विभाग ने सभी विभाग के प्रमुखों, संभाग कमिश्नरों व जिला कलेक्टरों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है।

बताया गया है कि विभिन्न विभागों में स्वीकृत सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति करते समय विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे पद जिनमें विभागीय प्रशिक्षण अनिवार्य है तो भरे जाने वाले पदों की संख्या राज्य में उपलब्ध प्रशिक्षण क्षमता के अनुरूप ही होगी। यह निर्देश राज्य के शासकीय कार्यालयों के साथ-साथ सभी निगम-मंडलों, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय, अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं आदि के लिए भी लागू होंगे।

वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार पर अब तक 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। इस वित्तीय संकट को देखते हुए राज्य सरकार शासकीय धन की मितव्ययिता रोकने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है।

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इसी कड़ी में शासकीय विभागों तथा निगम-मंडलों सहित विभिन्न संस्थाओं में वित्त विभाग की अनुमति के बिना रिक्त पदों पर भर्ती के लिए एक साल तक रोक लगाई है।