सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) समेत विभिन्न लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिये कोई बदलाव नहीं किया है. ऐसे समय जब बैंकों में विभिन्न जमा दरों में नरमी का रुख बना है सरकार ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को यथावत रखा गया है. पीपीएफ और एनएससी पर सालाना ब्याज दर क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत पर बनी रहेगी. वित्त मंत्रालय तिमाही आधार पर लघु बचत योजनाओं के लिये ब्याज दरों को अधिसूचित करता है.
आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने सरकार की चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिये उधारी लक्ष्य की जानकारी देते हुए बताया कि तीसरी तिमाही में लघु बचत योजनाओं के लिये ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बाद में वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया कि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिये विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर को (जुलाई - सितंबर) में तय किये गये स्तर पर बरकरार रखा गया है.
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इसके अनुसार पांच साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 7.4 प्रतिशत बनी रहेगी. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज तिमाही दी जाती है. बचत जमा पर ब्याज दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. बालिकाओं से जुड़ी बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 7.6 प्रतिशत पर रहेगी. अधिसूचना के अनुसार किसान विकास पत्र पर सालाना ब्याज दर 6.9 प्रतिशत होगी. एक से पांच साल के लिये मियादी जमा पर ब्याज दर 5.5 से 6.7 प्रतिशत के दायरे में होगी. वहीं पांच साल के लिये आवर्ती जमा पर ब्याज दर 5.8 प्रतिशत रखी गई है.
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