नई दिल्ली:
जजों की नियुक्ति के लिए बनाया गया नेशनल जुडिशयल अपॉइंटमेंट कमीशन काम तो करेगा लेकिन जजों की नियुक्ति नहीं करेगा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ये भरोसा दिलाया है और कहा है कि जब तक संविधान पीठ फैसला नहीं सुनाती, जजों की नियुक्ति नहीं होगी।
पीठ 27 अप्रैल से सुनवाई शुरू करेगी हालांकि इस सुनवाई में ये साफ़ हो गया कि NJAC अपना काम कर सकता है। उसपर कोई रोक नहीं है।
हालांकि याचिकाकर्ता वकीलों ने कमीशन के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन केंद्र सरकार ने बीच का रास्ता सुझाया जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कोर्ट नोटिफिकेशन पर रोक न लगाये और सरकार भरोसा दिलाती है कि कमीशन कोई नई नियुक्ति नहीं करेगी, लेकिन कमीशन को कामकाज करने की इज़ाज़त दी जाए।
सरकार 11 मई तक काम शुरू करना चाहती है। लेकिन एडिशनल जजों की सेवा विस्तार पर रोक न हो। जिसकी इजाज़त सुप्रीम कोर्ट ने दे दी।
सरकार ने कोर्ट को कहा है कि अगर कोई नियुक्ति होगी तो कोर्ट को बताया जाएगा। संविधान पीठ ने सरकार के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। पांच जजों की ये पीठ 27 अप्रैल से NJAC की वैधता पर नियमित सुनवाई शुरू करेगी।
हालांकि बुधवार को हुई सुनवाई में बेंच ने याचिकाकर्ता की उस आपत्ति को ख़ारिज कर दिया कि फॉर्मर कॉलेजियम का सदस्य होने के नाते जस्टिस केहर को इस मामले को नहीं सुनना चाहिए।
संविधान पीठ NJAC के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सोमवार से सुनवाई शुरू करेगी जो 14 दिन तक जारी रहेगी।
पीठ 27 अप्रैल से सुनवाई शुरू करेगी हालांकि इस सुनवाई में ये साफ़ हो गया कि NJAC अपना काम कर सकता है। उसपर कोई रोक नहीं है।
हालांकि याचिकाकर्ता वकीलों ने कमीशन के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन केंद्र सरकार ने बीच का रास्ता सुझाया जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कोर्ट नोटिफिकेशन पर रोक न लगाये और सरकार भरोसा दिलाती है कि कमीशन कोई नई नियुक्ति नहीं करेगी, लेकिन कमीशन को कामकाज करने की इज़ाज़त दी जाए।
सरकार 11 मई तक काम शुरू करना चाहती है। लेकिन एडिशनल जजों की सेवा विस्तार पर रोक न हो। जिसकी इजाज़त सुप्रीम कोर्ट ने दे दी।
सरकार ने कोर्ट को कहा है कि अगर कोई नियुक्ति होगी तो कोर्ट को बताया जाएगा। संविधान पीठ ने सरकार के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। पांच जजों की ये पीठ 27 अप्रैल से NJAC की वैधता पर नियमित सुनवाई शुरू करेगी।
हालांकि बुधवार को हुई सुनवाई में बेंच ने याचिकाकर्ता की उस आपत्ति को ख़ारिज कर दिया कि फॉर्मर कॉलेजियम का सदस्य होने के नाते जस्टिस केहर को इस मामले को नहीं सुनना चाहिए।
संविधान पीठ NJAC के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सोमवार से सुनवाई शुरू करेगी जो 14 दिन तक जारी रहेगी।
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