
नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.(फाइल फोटो)
दो सप्ताह तक तेजस्वी यादव के इस्तीफे का दबाव बनाने के बीच एकाएक जदयू नेता नीतीश कुमार ने बुधवार को खुद ही त्यागपत्र का दांव चलकर बिहार की सियासी बिसात में भूचाल ला दिया. सूत्रों का कहना है कि खुद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इसकी कल्पना नहीं की थी. राजद खेमे की तैयारी तो तेजस्वी को बर्खास्त करने के बाद उपजने वाले संभावित हालात से निपटने की थी. इस्तीफे से पहले मंगलवार रात को नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के बीच फोन पर बात भी हुई थी लेकिन उस वक्त भी नीतीश ने लालू को कोई संकेत नहीं दिया. यह भी हो सकता है कि वह आने वाले सियासी भूचाल की हलचल को पढ़ने में लालू नाकाम रहे. इन सबके बीच सबसे बड़ी चर्चा यही हो रही है कि आखिर नीतीश ने इस्तीफा क्यों दिया? वह चाहते तो तेजस्वी यादव को बर्खास्त कर सकते थे? उस स्थिति में भी महागठबंधन नहीं टूटता.
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इस संबंध में द टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि दरअसल जदयू नेता को इस संबंध में पुख्ता रिपोर्ट मिली थी लालू प्रसाद बीजेपी के साथ किसी डील के लिए प्रयासरत थे. इस संबंध में लालू प्रसाद के दूतों ने दो केंद्रीय मंत्रियों को इशारा भी किया था कि यदि वे कहें तो नीतीश से समर्थन वापस भी लिया जा सकता है. हालांकि इसके एवज में यह मांग की गई थी कि लालू परिवार के खिलाफ चल रहे मामलों में केंद्र को मदद करनी होगी. इस रिपोर्ट के मुताबिक इस बात की भनक जदयू नेता को भी मिल गई थी. उसके बाद उन्होंने सियासी बिसात पर सधा दांव चलकर राजद नेता को पटखनी दे दी.
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