यह ख़बर 11 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मोदी और नीतीश हुए आमने-सामने, बयानों ने मचाया दिनभर बवाल

खास बातें

  • नीतीश ने मोदी को बिहार पर टिप्पणी न करने की सलाह देते हुए कहा कि हम दूसरों पर टिप्पणी नहीं करते, सो, कोई और भी बिहार पर टिप्पणी न करे तो अच्छा होगा।
पटना:

बिहार को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए बयान से नाराज़ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटवार करते हुए मोदी को अपना घर संभालने की सलाह दी और कहा कि वह (मोदी) पहले अपना दामन देखें।

इसके साथ ही नीतीश ने मोदी को बिहार पर टिप्पणी न करने की सलाह देते हुए कहा कि बिहार अपनी कमजोरियों से लड़ते हुए विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। नीतीश ने यह भी कहा कि हम दूसरों पर टिप्पणी नहीं करते, सो, कोई और भी बिहार पर टिप्पणी न करे तो अच्छा होगा।

उल्लेखनीय है कि राजकोट में हुई भाजपा कार्यकारिणी की दो-दिवसीय बैठक के समापन सत्र के दौरान रविवार को अपने संबोधन में मोदी ने कहा था कि बिहार के नेताओं द्वारा जातिगत राजनीति किए जाने के कारण यह प्रदेश पिछड़ गया। इसी बयान को लेकर बिहार में सत्तासीन जनता दल (यूनाइटेड) और विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल ने मोदी की खिंचाई की थी।

बिहार विधानपरिषद के सदस्य और जद (यू) के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मोदी अभी अपनी पार्टी और गुजरात के बहुत सारे अंदरूनी संकटों से जूझ रहे हैं, सो, ऐसे में वह अपने मन के भाव प्रगट नहीं कर रहे हैं, बल्कि कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना लगा रहे हैं।

नीरज का कहना था कि कि ऐसी बात कहने से पूर्व मोदी को ध्यान रखना चाहिए कि यहां उनकी पार्टी भी सरकार में शामिल है। नीरज ने कहा कि गुजरात को आधारभूत संरचना विरासत में मिली और बिहार का अधिकांश हिस्सा बाढ़ और सुखाड़ से प्रभावित रहा, परन्तु उसके बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यकुशलता के बूते यहां बड़ी उपलब्धियां हासिल की गईं।

नीरज ने कहा कि देश के आर्थिक आंकड़ों ने साबित कर दिया है कि बिहार जैसा बीमारू राज्य विकास दर और प्रति व्यक्ति आय के मामले में गुजरात से बहुत आगे है और बिहार का जो गौरवपूर्ण इतिहास पूर्व में रहा है, यह उसी दिशा में बढ़ता हुआ कदम है।

जद (यू) के प्रदेश प्रवक्ता के मुताबिक बिहार में इन प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद जो विकास दर हासिल हुई है, वह आधारभूत संरचना के क्षेत्र में हमारे कार्यों का नतीजा है। वित्तीय प्रबंधन की बदौलत हम इसे विकास के मार्ग पर आगे लेकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में जातिगत बंधन टूटे हैं। यहां 115 नरसंहार हुए थे, जो अब बंद हुए हैं तथा यहां सामाजिक समरसता एवं सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल बना है, वह कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है।

नीरज ने कहा कि नीतीश अक्सर कहा करते हैं कि सामाजिक समरसता एवं सांप्रदायिक सौहार्द हमारी पूंजी हैं और बिहार की 10 करोड़ जनता का मानव श्रम है, जिसकी बदौलत बिहार विकास कर रहा है और ऐसा ही बिहार में सत्ता में शामिल मोदी जी की पार्टी भाजपा के लोग भी कहते हैं। उन्होंने कहा कि लोग बयानबाजी करते रहते हैं, परन्तु मुख्यमंत्री कर्म में विश्वास रखते हैं, और बिहार जैसे बीमारू राज्य को विकसित प्रदेश की दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं, यह बात देश और दुनिया कबूल कर रही है।

मोदी के इस बयान को बिहार में प्रतिबंधित जातीय संगठन ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या और उसके बाद उनके समर्थकों द्वारा तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं से जोड़कर देखे जाने के बारे में पूछने पर नीरज ने कहा कि स्थिति का मूल्यांकन किया जाए तो अगर उस दिन पुलिस कार्रवाई करती तो गांवों में बड़ी मुश्किल से स्थापित सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता था।

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उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने संयम से काम लिया और यह निर्णय भी लिया कि जिन लोगों ने भी उस दौरान उपद्रव किया था, उन्हें चिह्नित कर स्पीडी ट्रायल कराया जाएगा, जिससे भविष्य में कोई ऐसी हिम्मत नहीं कर सके।