बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राज्यसभा जाने की अटकलों को ये कहकर विराम देने की कोशिश की हैं कि उनकी अब कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है. नीतीश गुरुवार को बिहार विधानसभा के अपने चेम्बर में पत्रकारों से बात करते हुए राज्यसभा जाने के संबंध में एक दिन पूर्व अपने मन की बात पर सफाई दे रहे थे. नीतीश ने कहा कि पहले उनकी विधायक बनने की इच्छा सन 1985 में पूरी हुई, वैसे ही सांसद बनने की उनकी इच्छा 1989 में पूरी हुई. इसके बाद बिहार की सेवा करने का मक़सद 2005 में सफल हुआ और बक़ौल नीतीश अब मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं . नीतीश की ये सफ़ाई मानी जाती है कि बुधवार को राज्यसभा जाने की इच्छा से जो राजनीतिक गलियारे में अटकलें शुरू हुईं उस पर विराम लगाने की एक कोशिश है .
उनके बुधवार के इस बयान के बाद माना जाने लगा कि राज्यसभा जाने के बहाने वह बिहार के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी त्यागने के लिए तैयार हैं. नीतीश को उम्मीद हैं कि जल्द राज्यसभा से संबंधित सभी तरह के क़यास बंद होंगे क्योंकि बीजेपी के सदस्य खुलेआम अब अपना मुख्यमंत्री बनाने की मांग करने लगे हैं . भाजपा विधायक विनय बिहारी ने कई बार मीडिया के सामने नीतीश के जगह उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को मुख्यमंत्री बनाने की माग की लेकिन उनको पार्टी के नेतृत्व द्वारा ऐसे बयानों से बचने की सलाह नहीं दी गई.
हालांकि नीतीश ने अपने सोलह वर्षों के शासन काल में कामों का भी ज़िक्र किया और कहा कि देखिए हर क्षेत्र में कितना काम किया गया हैं . उन्होंने कहा कि राजधानी पटना का भी स्वरूप बदल गया है . उन्होंने एक बार फिर जनता के दरबार कार्यक्रम को शुरू करने की भी घोषणा की, जिसके दौरान आम लोगों से उनकी समस्या ना केवल सुनते हैं बल्कि उसका निराकरण भी किया जाता हैं .
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