नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को वर्ष 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में सुखदेव पहलवान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने पिछले बुधवार को पहलवान को दोषी करार दिया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जेआर आर्यन ने इस मामले के तीसरे आरोपी पहलवान को हत्या, अपहरण, सबूत नष्ट करने और साजिश रचने का दोषी पाया था। पहलवान वर्ष 2005 तक गिरफ्तार नहीं हो सका था इसलिए उसकी सुनवाई इस मामले में दोषी विकास और विशाल यादव से अलग चल रही थी। ज्ञात हो कि वर्ष 2008 में निचली अदालत ने कटारा की हत्या में उत्तर प्रदेश के राजनीतिज्ञ डीपी यादव के पुत्र विकास और उसके चचेरे भाई विशाल की संलिप्तता पर दोनों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उनकी बहन भारती यादव से निकटता के चलते प्रबंधन अधिकारी और भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी के पुत्र कटारा की हत्या कर दी गई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, पहलवान उस कार में मौजूद था जिसमें कटारा को अपहरण करके ले जाया गया था। गाजियाबाद के एक विवाह समारोह से कटारा को अगवा किए जाने के बाद इन्होंने 16-17 फरवरी 2002 की रात उसकी हत्या कर दी। कटारा के परिवार के अनुरोध पर मुकदमे की सुनवाई दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित किया गया जबकि गिरफ्तारी से पहले पहलवान को भगोड़ा घोषित किया गया था। उसके खिलाफ अप्रैल 2006 में आरोपपत्र दाखिल किया गया।
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