तीन राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद क्या नितिन गडकरी बीजेपी नेतृत्व को निशाना बना रहे हैं? सोमवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आईबी के एक कार्यक्रम में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नए सिरे से अपने शिखर नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के एक बयान ने फिर सियासी भूचाल ला दिया है. नितिन गडकरी ने कहा, "उनमें कमी नहीं है... मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं... अगर मेरे एमएलए और एमपी अच्छा काम नहीं करते तो मैं ज़िम्मेदार हूं... मैंने उन्हें अच्छा बनाने के लिए क्या किया?" गडकरी के इस बयान को अप्रत्यक्ष तौर पर भारतीय जनता पार्टी आलाकमान के नेतृत्व पर निशाना माना जा रहा है. हालांकि उन्होंने इससे इनकार किया है, लेकिन लगातार उनका दूसरा बयान है जिसमें नतीजों के लिए बीजेपी के शिखर नेतृत्व को ज़िम्मेदारी लेने को कहा गया है. इसके पहले भी पुणे में उनके एक बयान की काफ़ी चर्चा हुई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि हार का क्रेडिट लेने की हिम्मत नेतृत्व में होनी चाहिए और जब तक नेतृत्व हार का क्रेडिट खुद के कंधों पर नहीं लेगा तब तक संस्था के प्रति उनकी वफ़ादारी सिद्ध नहीं होगी. हांलाकि बाद में उन्होंने ट्वीट कर सफ़ाई देते हुए कहा था कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया.
देश में असहिष्णुता को लेकर छिड़ी बहस के बीच केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इसी कार्यक्रम में ये भी कहा कि सहनशीलता भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण पहलू है. गडकरी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भीड़ की हिंसा पर देशभर में बहस छिड़ी हुई है.
गडकरी के रुख़ में ये तब्दीली क्यों आई है? बीजेपी इस सवाल का जवाब नहीं दे रही. लेकिन विपक्ष को अंदाज़ा लगाने का मौक़ा मिल रहा है. एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने इसमें आरएसएस का प्लान बी तक देख लिया. मनप्रीत बादल ने कहा, "ऐसा लगता है कि हाल के विधानसभा चुनावों में हार के बीद बीजेपी हड़बड़ाई हुई है. निजी तौर पर मैं गडकरी के बयान को मोदी के नेतृत्व को चुनौती देने के तौर पर देखता हूं. ऐसा लगता है कि संघ परिवार प्लान बी के तहत गडकरी को बीजेपी नेता के तौर पर देख रहा है."
विवाद के बाद नितिन गडकरी ने दी सफाई, मीडिया का एक वर्ग गलत तरीके से पेश कर रहा है बयान
गडकरी की यह कथित टिप्पणी हाल में सम्पन्न मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद आयी थी. गडकरी ने रविवार को मीडिया से कहा था कि उनकी टिप्पणी का कोई राजनीतिक मकसद नहीं था. उन्होंने दावा किया कि मीडिया के एक वर्ग ने उनकी ओर से की गई टिप्पणी को ‘तोड़ मरोड़कर पेश किया'. उन्होंने कहा, ‘मराठी में दिया मेरा पूरा भाषण उपलब्ध है. मैंने जो कुछ भी कहा वह बैंकिंग के संदर्भ में था और मैंने न तो किसी चुनाव या न ही किसी नेता के बारे में कोई उल्लेख किया. दुर्भाग्य से मीडिया के एक वर्ग ने मेरे बयान को वर्तमान चुनावी राजनीति से जोड़कर और अपनी खुद की टिप्पणी जोड़कर उसे तोड़ मरोड़कर पेश किया.'
उन्होंने कहा कि यदि पत्रकारों का अपना खुद का एजेंडा हो तो वे अपने नाम से लिखने के लिए मुक्त हैं. उन्होंने कहा, ‘लेकिन जो चीज मैंने नहीं कही उसे मेरे बयान से जोड़ना अच्छी बात नहीं है.'
क्या 2019 में नरेंद्र मोदी के बदले आप होंगे पीएम पद के दावेदार, जानें नितिन गडकरी ने क्या कहा
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह किसी ‘दौड़' या ‘प्रतिस्पर्धा' में नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘यह बहुत स्पष्ट है कि भाजपा 2019 आमचुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेगी और पार्टी को उचित बहुमत मिलेगा.' इससे पहले दिन में गडकरी ने ट्विटर पर यह दावा किया कि कुछ विपक्षी दल और मीडिया के एक वर्ग ने उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया है.
'माल्या जी को चोर कहना गलत' इस बयान पर फंसने पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी?
उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, ‘पिछले कुछ दिनों में मैंने गौर किया है कि मेरी पार्टी और मुझे नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ विपक्षी दल और मीडिया के एक वर्ग की ओर से मेरे बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का अभियान चलाया जा रहा है और उसे संदर्भ से अलग इस्तेमाल किया जा रहा है तथा राजनीति से प्रेरित निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं. मैं एक बार फिर स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मेरे और भाजपा नेतृत्व के बीच दरार पैदा करने की साजिश कभी सफल नहीं होगी.'
मोदी सरकार के मंत्री बोले, 'माल्याजी' को चोर कहना सही नहीं, बताई यह वजह...
VIDEO -BJP की तीन राज्यों में हार, नितिन गडकरी का इशारों-इशारों में हमला
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं