नीलगिरी रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में बनाए गए रिसार्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाथियों के बीच किसी को आने नहीं दिया जाएगा और हम हाथियों के कॉरिडोर को बरकरार रखेंगे. हम हाथियों का कॉरिडोर बचाने के लिए एक कमेटी का गठन करेंगे जो इलाके में बने ढांचों की वैधता की जांच करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस कमेटी में हाईकोर्ट के एक रिटायर जज और दो विशेषज्ञ होंगे जो इलाके को खाली कराने और मुआवजे के मुद्दे पर भी विचार करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से कमेटी के सदस्यों के लिए लिखित सुझाव मांगे. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
सोमवार को फैसला आ सकता है.
गौरतलब है कि तमिलनाडु के नीलगिरी में हाथियों के कॉरिडार के मामले में अगस्त 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को 48 घंटे के भीतर 27 होटलों व रिसॉर्ट को सील करने के आदेश दिए थे. यह होटल कानून का उल्लंघन कर सरकार की इजाजत व मंजूरी के बिना बनाए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने 12 होटल जिनके वकील सुप्रीम कोर्ट में मौजूद थे, को 48 घंटे के भीतर कलेक्टर को इजाजत संबंधी दस्तावेज देने के लिए कहा था. कोर्ट ने कहा था कि कलेक्टर दस्तावेज का निरीक्षण करेंगे और अगर कानून का उल्लंघन पाया गया तो यह होटल भी सील किए जाएंगे.
कोर्ट ने कहा था कि जिन 27 रिसार्ट के नुमाइंदे कोर्ट में पेश नहीं हुए इसका मतलब है कि उन्होंने कलेक्टर की 39 होटलों की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है.
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