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This Article is From Oct 28, 2020

NIC को नहीं पता आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया, सूचना आयोग ने मंत्रालय सहित कई लोगों को भेजा नोटिस

आयोग ने इस संबंध में कई चीफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन अधिकारियों (CPIOs) सहित नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और NIC को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा है कि उन्होंने करोड़ों लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही इस कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप को लेकर डाली गई एक आरटीआई आवेदन का स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिया है?

NIC को नहीं पता आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया, सूचना आयोग ने मंत्रालय सहित कई लोगों को भेजा नोटिस
ऐप के मुताबिक उसे NIC ने डेवलप किया है, लेकिन NIC के पास इसकी कोई जानकारी नहीं.
नई दिल्ली:

केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission) ने मंगलवार को नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (NIC) से जवाब मांगा है कि जब आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu App) के वेबसाइट पर उनका नाम है, तो फिर उनके पास ऐप के डेवलपमेंट को लेकर को डिटेल क्यों नहीं है? आयोग ने इस संबंध में कई चीफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन अधिकारियों (CPIOs) सहित नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और NIC को कारण बताओ नोटिस भेजा है. उनसे नोटिस में सफाई मांगी गई है कि उन्होंने करोड़ों लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही इस कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप को लेकर डाली गई एक आरटीआई आवेदन का स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिया है?

दरअसल, कोरोनावायरस के बीच कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार की ओर से आरोग्य सेतु ऐप को बढ़ावा दिया गया है. अब चूंकि आरोग्य सेतु ऐप की वेबसाइट कहती है कि इसे नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर और आईटी मंत्रालय ने डेवलप किया है, लेकिन इस ऐप को लेकर डाली गई एक आरटीआई में दोनों ने कहा है कि उनके पास इसकी जानकारी नहीं है कि इस ऐप को किसने डेवलप किया है.

अब सूचना निकाय ने सरकार के 'गोलमोल जवाब' पर नोटिस भेजा है. आयोग ने कहा है कि 'अधिकारियों द्वारा सूचना देने से इनकार किए जाने को स्वीकार नहीं किया जाएगा.' बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता सौरव दास ने सूचना आयोग के पास शिकायत दी थी कि ऐप के डेवलपमेंट को लेकर कई मंत्रालय स्पष्ट सूचना देने में असफल रहे थे. सूचना आयोग ने सभी संबंधित इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि आखिर 'सूचना देने में रुकावट पैदा करने' और आरटीआई आवेदन पर 'गोलमोल जवाब देने' के आरोप में उनपर एक्शन क्यों न लिया जाए.

दास ने ऐप के शुरुआती प्रस्ताव, इसको मिली मंजूरी की डिटेल्स, इस काम में शामिल कंपनियों, व्यक्ति और सरकारी विभागों को लेकर जानकारी मांगी थी. उन्होंने ऐप डेवलपमेंट से जुड़े लोगों के बीच हुए सूचना के आदान-प्रदान की प्रतियां भी मांगी थीं. हालांकि उनका आवेदन दो महीनों तक अलग-अलग सरकारी विभागों के बीच घूमता रहा.

कथित रूप से NIC ने बार-बार कहा कि 'ऐप के क्रिएशन से जुड़ी पूरी फाइल सेंटर के पास नहीं है.' आईटी मंत्रालय ने फिर यह आरटीआई नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन को भेज दिया, जिसने कहा कि 'जो सूचना मांगी गई है, वो उनके विभाग से जुड़ा हुआ नहीं है.'

Video: क्या आरोग्य सेतु ऐप हैक हो सकता है?

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