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This Article is From Jul 11, 2021

NIA ने टेरर फंडिंग केस में जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर छापेमारी की

टेरर फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर में बड़ी कार्रवाई है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने राज्य के कई स्थानों पर छापेमारी की है. राज्य में टेरर फंडिंग को लेकर सख्ती बीते कई दिनों से देखने को मिल रही है.

NIA ने टेरर फंडिंग केस में जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर छापेमारी की
NIA ने Terror Funding Case में बड़ी कार्रवाई की. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंक के खिलाफ NIA ने बड़ी कार्रवाई की है. टेरर फंडिंग मामले (Terror Funding Case) में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है. NIA के अधिकारियों ने बताया कि 10 दिन पहले भारतीय उपमहाद्वीप में कट्टरपंथ से जुड़ा एक टेरर फंडिंग मामला दर्ज किया गया था. इस केस के सिलसिले में ही जम्मू-कश्मीर में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, "मामला ऑनलाइन कट्टरपंथ (Online extremism) से जुड़ा हुआ है. इसमें विदेशी लिंक की भी जांच की जा रही है." इस सिलसिले में कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.

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राजधानी श्रीनगर और केंद्र शासित प्रदेश के बारामूला और अनंतनाग जिले में चल रहे इस तलाशी अभियान में एनआईए के साथ-साथ इंटेलिजेंस ब्यूरो, रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) और जम्मू-कश्मीर पुलिस भी जुटी हुई है.

जम्मू-कश्मीर में मोस्ट वांटेड आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटों सहित 11 सरकारी कर्मचारियों को आतंकी फंडिंग गतिविधियों में कथित संलिप्तता के आरोपों में बर्खास्त किए जाने के एक दिन बाद यह छापेमारी की जा रही है.

अधिकारी ने कहा, "एनआईए ने हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकी गतिविधियों के लिए हवाला लेनदेन के माध्यम से धन जुटाने, प्राप्त करने, एकत्र करने और स्थानांतरित करने में शामिल दोनों व्यक्तियों के आतंकी फंडिंग ट्रेल्स को ट्रैक किया है."

संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के तहत 11 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं, इन धाराओं के तहत किसी भी जांच की बाध्यता नहीं होती है. ऐसे मामलों को देखने के लिए केंद्र शासित प्रदेश में एक नामित समिति की सिफारिश के बाद आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटों सहित 11 सरकारी कर्मचारियों पर यह कार्रवाई की गई थी.

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बर्खास्त किये गये कर्मचारी शिक्षा, पुलिस, कृषि, कौशल विकास, बिजली, स्वास्थ्य विभाग और एसकेआईएमएस (शेर ए कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) से थे. इन 11 कर्मचारियों में अनंतनाग से चार, बडगाम से तीन और बारामूला, श्रीनगर, पुलवामा व कुपवाड़ा से एक-एक हैं.

हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना के बेटों सैयद अहमद शकील और शाहिद युसूफ को भी आतंकी वित्त पोषण में कथित तौर पर संलिप्त रहने को लेकर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि उनमें से एक एसकेआईएमएस में कार्यरत था जबकि दूसरा शिक्षा विभाग में था.

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