एनडीटीवी खबर की खबर पर कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस भेजा और मामले में पूरी पड़ताल के बाद आज सरकार को आदेश जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के बागबहरा में आंखों में रोशनी की चाहत लिए मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने गए 15 मरीजों की जिंदगी में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से अंधेरा फैल गया था। (आज यह आंकड़ा 16 हो गया है)
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नेत्र शिविर में पहुंचे लोगों की जल्दबाजी में हुई जांच के बाद उनका ऑपरेशन कर दिया गया और दवाई दे दी गई। इससे मरीजों की आंखों में संक्रमण फैल गया, जिसकी वजह से बाद में नौ मरीजों की एक−एक आंख तक निकालनी पड़ गई थी।
एनएचआरसी के प्रवक्ता जेके श्रीवास्तव ने बताया कि इस घटना के बाद मानवाधिकार आयोग ने सरकार को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के जवाब में राज्य सरकार ने बताया कि इस घटना में 15 नहीं, 16 लोगों की आंखें गईं थी। मामले में संलिप्त डॉक्टर पर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया था। साथ ही दो नर्सों को संस्पेंड किया गया था। इसके अलावा विभागीय कार्रवाई भी की गई। राज्य सरकार ने बताया कि पीड़ितों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा भी दिया गया। सरकार ने यह भी बताया कि दवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
वहीं, आज मानवाधिकार आयोग ने अपने आदेश में राज्य सरकार को मुआवदा दो गुना करने यानि और 50-50 हजार देने का आदेश दिया। साथ ही लापरवाही करने वाले लोगों पर क्रिमिनल केस दर्ज करने की बात भी कही।
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